निर्भया के दोषी पवन की याचिका, कल हो सकती है फांसी!
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के 2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के दोषियों पवन गुप्ता और अक्षय की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की। पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से इनकार करते हुए दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया। इस पर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि विचार करें, अभी चारों को फांसी नहीं दे सकते। दो दोषियों की दया याचिका बाक़ी है। इस पर जज ने कहा कि 2 बजे डिटेल के साथ अदालत में आएं।
मामले की सुनवाई के दौरान दोषियों की ओर से पेश अधिवक्ता एपी सिंह ने अदालत में कहा कि पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के बाद अभी उसके पास दया याचिका का विकल्प बकाया है। इसके अलावा अक्षय की भी दया याचिका पर फैसला नहीं हुआ है, इसलिए 3 मार्च को फांसी पर रोक लगाई जाए। इस पर जज ने पूछा कि फांसी रोकने के लिए कोई ठोस वजह है तो बताएं? बता दें कि डेथ वारंट पर रोक के लिए दायर याचिका पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पिछली सुनवाई में तिहाड़ जेल प्रशासन से 2 मार्च तक जवाब मांगा था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने याचिका खारिज करने के दौरान यह भी कहा कि वह फांसी पर रोक नहीं लगा सकते हैं। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि जब एक बार दया याचिका खारिज हो गई थी तो अक्षय ने फिर से दया याचिका क्यों दायर की? चूंकिअब क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है तो पटियाला हाउस में फिर से सुनवाई शुरू हो गई है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि अक्षय ने 31 जनवरी को दया याचिका दायर की थी। अगले दिन उसने पत्र लिखा कि याचिका में कुछ दस्तावेज अधूरे हैं, इसलिए वह दोबारा याचिका दायर करना चाहता है। सरकारी वकील ने दलील दी कि जेल प्रशासन ने सभी दस्तावेजों को जमा किया था और चेक करने के बाद ही तीन फरवरी को याचिका दायर की गई। उन्होंने यह भी दलील दी कि राष्ट्रपति ने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही पांच फरवरी को उसकी दया याचिका खारिज की थी।
इसलिए अक्षय की ओर से किया जा रहा दस्तावेज अधूरे होने का दावा गलत है। उसके पास दोबारा दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। साथ ही दोबारा दया याचिका दायर करने के संबंध में हमें कोई जानकारी भी नहीं मिली है।