नई दिल्ली: पिछले दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस साल कर्मचारियों की सैलरी में सिंगल डिजिट इन्क्रीमेंट ही होगा। अब पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज को लेकर भी झटका लग सकता है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ईपीएफओ की ओर से पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज दर को फाइनेंशियल ईयर 2020 के लिए घटाकर 8.5 पर्सेंट करने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल पीएफ अकाउंट पर ईपीएफओ की ओर से 8.65 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक 5 मार्च को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मीटिंग में इस आशय का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। फाइनेंशियल ईयर 2019 में कर्मचारियों को पीएफ खाते में जमा राशि पर 8.65 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इसमें अब 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की तैयारी है। बीते एक साल में लॉन्ग टर्म फिक्स्ड डिपॉजिट और बॉन्ड्स आदि पर मिलने वाले ब्याज में 50 से 80 बेसिस पॉइंट्स तक की कटौती हो गई है। बता दें कि एक बेसिस पॉइंट्स का अर्थ 0.1 प्रतिशत से है।

ईपीएफओ के ट्रस्टीज की बैठक से पहले फाइनेंस इन्वेस्टमेंट एंड ऑडिट कमिटी की ओर से ब्याज दरों को लेकर फैसला लिया जाएगा। इसके बाद इस प्रस्ताव को बैठक में पेश किया जाएगा। हालांकि एक सरकारी सूत्र ने कहा कि सरकार ऐसा फैसला नहीं चाहती है क्योंकि इससे कर्मचारियों के बीच खराब संदेश जाएगा।

पहले ही रोजगार के पर्याप्त अवसरों की कमी के चलते आलोचना का शिकार हो रही सरकार अब पीएफ की ब्याज दर जैसे मसले पर नहीं घिरना चाहती। पीएफ में जमा राशि पर ब्याज दर में कटौती के चलते करोड़ों कर्मचारियों का विरोध सरकार को झेलना पड़ सकता है।