अमूल्या लिओना के खिलाफ राजद्रोह की कार्रवाई कानून का साफ दुरुपयोग है: पूर्व जज
नई दिल्ली: बीते दिनों बेंगलुरू में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी की जनसभा में एक छात्रा ने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए थे। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और उस पर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। अब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी गिरफ्तार छात्रा के बचाव में उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि यह राजद्रोह कानून का साफ दुरुपयोग है। जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस ट्रेंड को रोकने के लिए न्यायपालिका को आगे आना चाहिए।
दरअसल टेलीग्राफ के साथ बातचीत में जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि “यह राजद्रोह कानून का साफ दुरुपयोग है। यह राजद्रोह का मामला कैसे हो सकता है? यह राजद्रोह का मामला है ही नहीं। इंडियन पीनल कोड के तहत भी कार्रवाई नहीं बनती है। यहां तक कि छात्रा ने जो किया, ऐसे में उसके खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई नहीं बनती है। ना सिर्फ राजद्रोह बल्कि कोई भी क्रिमिनल केस उसके खिलाफ नहीं बनता है।”
बता दें कि बीते गुरुवार को पत्रकारिता की छात्रा अमूल्या लिओना नोरोन्हा ने असदुद्दीन ओवैसी की एक जनसभा में मंच से पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए थे। इसके बाद अमूल्या को हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद में अमूल्या पर राजद्रोह केस लगा दिया गया था, जिसमें अधिकतम सजा उम्रकैद है। अमूल्या को फिलहाल दो हफ्तों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
छात्रा पर राजद्रोह का केस लगाए जाने की आलोचना करते हुए पूर्व जज ने कहा कि “पाकिस्तान हमारा दुश्मन देश नहीं है। ना ही हमारा पाकिस्तान के साथ युद्ध चल रहा है। पाकिस्तान के साथ हमारे राजनयिक संबंध जारी हैं।” जब पूर्व जज से पूछा गया कि क्या यदि पाकिस्तान को दुश्मन देश घोषित कर दिया जाता है तो क्या किसी पर पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाने पर राजद्रोह का केस लगाया जा सकता है?
इसके जवाब में जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि “तब भी राजद्रोह का मामला नहीं बनता है लेकिन तब इसे नैतिक तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि क्या सिर्फ हमें अमेरिका जिन्दाबाद और डोनाल्ड ट्रम्प जिन्दाबाद ही कहना चाहिए? ये सब क्या चल रहा है? यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मुझे लगता है कि संवैधानिक लोकतंत्र जोखिम में है।”
कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कथित तौर पर दावा किया है कि आरोपी छात्रा के नक्सलियों के साथ संबंध हैं। इसके जवाब में जस्टिस बी.सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि “यदि छात्रा के संबंध नक्सलियों के साथ हैं तो ये तभी सामने आयी, जब उसने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए, उसे पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?”
पूर्व जज ने कहा कि “अब सिर्फ छात्रा की गिरफ्तारी को न्यायसंगत बनाने के लिए उस पर ये आरोप लगाए जा रहे हैं।”