नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए सात मंत्रियों को शामिल किया। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में सादे समारोह में नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। सात मंत्रियों में पांच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के और दो कांग्रेस के हैं। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार ने पिछले साल 29 दिसंबर को राज्य में सत्ता संभाली थी।

शपथ लेने वालों में झारखंड मुक्ति मोर्चा से चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी और मिथिलेश ठाकुर के नाम शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस के बन्‍ना गुप्‍ता और बादल पत्रलेखा ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

समझा जाता है कि झाविमो से सत्ताधारी गठबंधन में आने वाले विधायकों एवं अन्य आकांक्षी लोगों के लिए एक मंत्री पद रिक्त रखा गया है। झारखंड राजभवन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भेंट कर उनसे अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए समय मांगा था।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को कुल सात नये मंत्री शपथ लेंगे जिन्हें मिलाकर राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिलाकर कुल 11 मंत्री हो जायेंगे जो संविधान के अनुसार झारखंड में मंत्रियों की अधिकतम संभव संख्या से एक कम होगी। यहां कुल 82 विधायकों की विधानसभा है और अधिकतम 12 मंत्री बनाये जा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि कल कांग्रेस कोटे से दो और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से पांच मंत्री शपथ लेंगे। इससे 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में कांग्रेस के चार, झामुमो के मुख्यमंत्री समेत छह और राजद के एक मंत्री हो जायेंगे। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त रखा है। समझा जाता है कि झारखंड विकास मोर्चा से सत्ताधारी गठबंधन में शामिल होने के प्रयास में जुटे तिर्की बंधु और प्रदीप यादव तथा कुछ असंतुष्ट विधायकों के लिए एक पद खाली रखा गया है।

इससे पहले मुख्यमंत्री और उनके साथ कांग्रेस के दो एवं राजद के एक विधायक ने मोराबादी मैदान में 29 दिसंबर को भव्य समारोह में शपथग्रहण किया था। इसके बाद 24 जनवरी को मंत्रिमंडल के विस्तार का कार्यक्रम रखा गया था जिसे चाईबासा में सात आदिवासियों की हत्या के बाद मुख्यमंत्री के अनुरोध पर स्थगित कर दिया गया था। हाल के चुनावों में भाजपा को मात देकर हेमंत सोरेन राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं।