नई दिल्ली: इकानॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा जारी ताजा डेमोक्रेसी इंडेक्स में भारत 10 पायदान नीचे खिसक गया है। 2019 के इंडेक्स में भारत का 51वां स्थान है, इससे पहले वो 41वें स्थान पर था। डेमोक्रेसी इंडेक्स 5 चीजों, चुनाव प्रक्रिया, बहुलतावाद, नागरिक स्वतंत्रता और सरकार के कामकाज पर देश को आंकता है। इकानॉमिस्ट इंडेलिजेंस यूनिट ने इसका कारण बताते हुए लिखा, कि भारत में “नागरिक स्वतंत्रता में कमी” इसका प्राथमिक कारण है। 2018 में भारत का कुल स्कोर 7.23 से गिरकर 6.90 हो गया है। यह दुनिया भर में 165 स्वतंत्र राज्यों और दो क्षेत्रों के लिए लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति की संक्षिप्त स्थिति बताता है।

भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डेमोक्रेसी इंडेक्स की वैश्विक रैंकिंग में 51वें पायदान पर आ गया है। इसका मुख्य कारण देश में लोकतंत्र में संघर्षऔर नागरिक स्वतंत्रता में कमी होना है। उनके कुल स्कोर के आधार पर, देशों को चार प्रकार के शासन में वर्गीकृत किया जाता है: “पूर्ण लोकतंत्र” (8 से अधिक स्कोर); त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र 6 से अधिक स्कोर और 8 से कम या उसके बराबर; मिलाजुला शासन 4 से अधिक स्कोर और 6 से कम या उसके बराबर; अधिनायकवादी शासन 4 से कम या बराबर स्कोर।”

भारत को "त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र" श्रेणी में शामिल किया गया था। इस बीच, 2019 के सूचकांक में चीन का स्कोर गिर कर 2.26 हो गया और यह वैश्विक रैंकिंग में अब 153 वें स्थान पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “पिछले कुछ सालों में, विशेष रूप से शिनजियांग के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव तेज हो गया है। 2019 में जनता की डिजिटल निगरानी जारी रही जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बाधा को दर्शाती है।

उभरती हुई अन्य अर्थव्यवस्थाओं में, ब्राजील 6.86 के स्कोर के साथ 52 वें स्थान पर था तो रूस 3.11 के स्कोर के साथ 134 वें स्थान पर था। इसमें पाकिस्तान 4.25 के स्कोर के साथ सूची में 108 वें स्थान पर था जबकि श्रीलंका 6.27 के स्कोर के साथ 69 वें स्थान पर था। बांग्लादेश 5.88 स्कोर के साथ 80 वें स्थान पर है।

इस सूची में सबसे ऊपर नॉर्वे है। उसके बाद आइसलैंड और स्वीडन का नंबर आता है। शीर्ष 10 में अन्य देशों में चौथे स्थान पर न्यूजीलैंड, फिनलैंड (5 वें), आयरलैंड (6 वें), डेनमार्क (7 वें), कनाडा (8 वें), ऑस्ट्रेलिया (9 वें) और स्विट्जरलैंड (10 वें) शामिल हैं। उत्तर कोरिया 167 वें स्थान पर वैश्विक रैंकिंग में सबसे नीचे था।