पुलवामा में CRPF बंकर पर आतंकियों का हमला
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शरारती तत्वों ने सुरक्षा बलों पर सोमवार को पेट्रोल बम फेंक दिया लेकिन इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह बम सोमवार की शाम पुलवामा के नेवा में सीआरपीएफ के बंकर की तरफ फेंका गया। उन्होंने बताया कि विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ है। जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी मारे गए। इनमें पुलिस का एक भगोड़ा और शीर्ष दर्जे का एक आतंकी कमांडर शामिल थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों के मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने शोपियां जिले के वाची क्षेत्र में घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया। उन्होंने बताया कि आंतकवादियों से आत्मसमर्पण करने को कहा गया लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके बाद दोनों ओर से मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने बताया,‘‘मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी मारे गए।’’
उनमें से एक आतंकवादी की पहचान आदिल अहमद के तौर पर हुई है। वह विशेष पुलिस अधिकारी था जो 2018 में बल छोड़कर वाची के तत्कालीन विधायक एजाज अहमद मीर के आधिकारिक आवास से सात एके रायफल और एक पिस्तौल लेकर फरार हो गया था।
उन्होंने बताया कि शेष दो आतंकवादियों की पहचान वसीम वानी और जहांगीर के तौर पर की गयी है। तीनों आतंकियों के मारे जाने को बड़ी सफलता करार देते हुए पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि हिज्बुल मुजाहिदीन दक्षिण कश्मीर में खत्म होने की कगार पर है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस बल ने 2020 में सफल शुरुआत की है।
सिंह ने कहा कि निलंबित किये जा चुके पुलिस उपाधीक्षक देविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार किये गये आतंकवादियों द्वारा दिये गये सुरागों के आधार पर सुरक्षा बलों ने गतिविधियां तेज कर दीं और यह अभियान सफल रहा। डीजीपी ने कहा कि वानी हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष दर्जे के कमांडरों में शामिल था।
वह चार नागरिकों और चार पुलिसकर्मियों की हत्या समेत 19 मामलों में वांछित था। उन्होंने कहा, ‘‘आदिल भी सितंबर 2018 में पुलिस बल से भाग जाने के बाद इनमें से कुछ हत्याओं में शामिल था।’’ सिंह ने कहा कि आतंकियों के इस समूह के खात्मे से शोपियां के लोगों के दिमाग से डर निकलेगा।