जामिया पहुंची आइशी घोष, कहा- कश्मीर से सरकार ने संविधान छीनना शुरू किया
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष बुधवार (15 जनवरी) की शाम जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के बाहर पहुंची और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जमकर नारेबाजी की है। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि इस लड़ाई में हम पीछा और उनकी लड़ाई नहीं भूल सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा, 'हम इस लड़ाई में कश्मीर का पीछा और उनकी बात नहीं भूल सकते। उनके साथ जो हो रहा है, कहीं न कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए।'
इधर, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा जेएनयू हमला मामले में दो और संदिग्धों से पूछताछ करेगी। पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में नकाबपोशों की भीड़ के हमले में कम से कम 35 लोग घायल हुए थे।
पुलिस ने बताया कि दोलन सामंत और चुनचुन कुमार को पूछताछ के लिए बुधवार को बुलाया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का एक दल सर्वर रूम से डेटा लेने के लिए परिसर में आएगा।
उन्होंने बताया कि अक्षत अवस्थी, रोहित शाह और कोमल शर्मा फरार चल रहे हैं, उनका पता लगाने के प्रयास जारी हैं। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, सुचेता तालुकदार, प्रिया रंजन, दोलन सामंत, व्हास्कर विजय मेक, चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र) और पंकज मिश्रा के नाम संदिग्धों में शामिल हैं। हमले के सिलसिले में पुलिस ने अब तक घोष, तालुकदार, रंजन, मिश्रा और मेक से पूछताछ की है। अवस्थी और शाह दोनों जेएनयू में प्रथम वर्ष के छात्र हैं और वह एक समाचार चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में नजर आए थे।
पुलिस ने नकाबपोश महिला के रूप में दौलतराम कॉलेज की छात्रा कोमल शर्मा की पहचान की है। वह सोशल मीडिया पर वायरल हुए हमले के वीडियो में दिखी थी। शनिवार रात से कोमल का फोन बंद आ रहा है। अवस्थी और शाह ने कहा कि वह पुलिस जांच में शामिल होंगे लेकिन उनका फोन भी बंद आ रहा है।
जेएनयू प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि कई स्कूलों में नए सेमेस्टर के लिए कक्षाएं शुरू हो गई हैं और परिसर में ‘‘शांति’’ है। हालांकि फीस वृद्धि को लेकर अभी भी छात्रों और शिक्षकों का एक वर्ग कक्षाओं में नहीं आ रहा है। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक शाखाओं ने 14 जनवरी को सामान्य तरीके से काम किया और परिसर में भी शांति रही।
कुमार ने कहा कि छात्रों का पंजीकरण भी बढ़ रहा है। छुट्टियों या ‘असाइनमेंट’ के कारण बाहर गए हुए छात्रों की सुविधा के लिए पंजीकरण की तिथि 15 जनवरी तय कर दी है। हालांकि विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों और शिक्षकों ने फीस वृद्धि को लेकर अपना विरोध और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखा है।