जनेश्वर मिश्र के दिखाये रास्ते पर चल रही है सपा सरकार: मुख्यमंत्री
छोटे लोहिया की 84वीं जयन्ती पर जनेश्वर मिश्र पार्क में कार्यक्रम सम्पन्न
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं पूर्व रक्षा मंत्री तथा सांसद मुलायम सिंह यादव ने ‘छोटे लोहिया’ के नाम से लोकप्रिय जनेश्वर मिश्र की 84वीं जयंती के अवसर पर आज यहां जनेश्वर मिश्र पार्क में उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान राज्य सरकार श्री जनेश्वर मिश्र एवं अन्य समाजवादी विचारकों एवं चिंतकों के दिखाए रास्ते पर चलने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि श्री जनेश्वर मिश्र एवं आदरणीय नेताजी ने लगातार संघर्ष करके समाजवादी पार्टी को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में खड़ा करने का काम किया, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में समाजवादी पार्टी को सरकार बनाने का अवसर मिला। समाजवादी सरकार बिना किसी भेदभाव के प्रदेश के सभी वर्गों के विकास के लिए काम कर रही है। समाजवादी पार्टी को सिद्धांतों पर चलने वाला एक मात्र राजनैतिक दल बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से किए गए सभी वायदों को प्रदेश सरकार ने पूरा किया है। उन्होंने कहा कि समानता के सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार गांवों एवं शहरों के विकास पर बराबर ध्यान दे रही है।
विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने जनेश्वर मिश्र को प्रखर समाजवादी एवं बेहतरीन वक्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने समाजवादी विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया।
इस मौके पर पूर्व रक्षा मंत्री तथा सांसद मुलायम सिंह यादव ने स्व0 जनेश्वर मिश्र को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समाज को नई दिशा दी है। मिश्र आजीवन गरीबों एवं किसानों के लिए संघर्ष करते रहे। पार्टी के सभी कार्यक्रमों में सम्मिलित होना उनकी सबसे बड़ी खासियत थी। वे एक प्रभावशाली वक्ता भी थे और लोहिया जी के विचारों से प्रेरणा ग्रहण करते थे। इसी कारण उन्हें छोटे लोहिया की उपाधि दी गई थी। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा अच्छा काम करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को घाटे से उबारने के लिए काम किया है, लेकिन इस दिशा में और अधिक काम करने की जरूरत है।
इस अवसर पर प्रो0 फ़ज़ले इमाम द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘प्रख्यात समाजवादी दार्शनिक जनेश्वर मिश्र’ (छोटे लोहिया), सुनील सिंह यादव साजन द्वारा लिखित ‘सात दिन सत्ताइस यादें’, मणेन्द्र मिश्र द्वारा लेख संग्रह ‘समाजवाद के अनुगामी’ तथा मनोज कुमार यादव द्वारा लिखित ‘नई सदी में पर्यावरण’ आदि किताबों का विमोचन भी किया गया।