भारत का संविधान एक जीवन्त अभिलेख: मुख्यमंत्री
संविधान की 70वीं वर्षगांठ पर विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के संविधान में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोकर चलने का सामथ्र्य और देश-काल-परिस्थिति के अनुरूप समाज को नेतृत्व देने की शक्ति है। भारत का संविधान एक जीवन्त अभिलेख है, क्योंकि संविधान में समय की आवश्यकता के अनुरूप संशोधनों से भारतीय लोकतंत्र की गरिमा बढ़ी है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र भारत के आम जनमानस के मन में रचा-बसा है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारत जैसे विविधता से भरे देश में संविधान और लोकतंत्र के माध्यम से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पनाओं को साकार करने का जो प्रयास किया है, वह पूरी दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है।
मुख्यमंत्री आज यहां संविधान को अंगीकार किये जाने की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर माननीय राज्यपाल जी के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर विधान परिषद में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष में महात्मा गांधी जी की 150वीं जयन्ती मनायी गयी। संविधान को अंगीकार किये जाने की 70वीं वर्षगांठ पर आज विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया है। यह दिन उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के लिए सुनहरा दिन है। विधान मण्डल के संयुक्त अधिवेशन में मा0 राज्यपाल जी के अभिभाषण के शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होने पर सदन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं में इस प्रकार शांतिपूर्ण ढंग से कार्यवाहियां सम्पन्न होेने पर संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा और सदस्यों की विश्वसनीयता बढ़ती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसकी उद्देशिका के चार शब्दों न्याय, समता, स्वतंत्रता तथा बन्धुता में पूरे संविधान की आत्मा निहित है। संविधान सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता आदि सुनिश्चित करता है। इसमें एक ओर मानव की गरिमा और सुरक्षा की गारण्टी है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों के लिए कर्तव्य भी निर्धारित किये गये हैं। भारत जैसे विशाल लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद 370 तथा 35 ‘ए’ को निरस्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर की असहमति के बाद भी संविधान मंे अनुच्छेद 370 जोड़ दिया गया। जिसके बारे में बाबा साहब का मानना था कि यह अनुच्छेद कश्मीर में अलगाववाद का कारण बनेगा। सर्वविदित है कि कश्मीर से एक वर्ग को पलायन करना पड़ा। वह आंतकवाद की शरणगाह बन गया। भारत में पारित कानून जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं होते थे। देश में ‘एक विधान, एक निशान’ के लिए
डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बलिदान देना पड़ा। 563 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर आधुनिक भारत का निर्माण करने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पटेल जी का कहना था कि अनुच्छेद 370 वही हटा सकेगा, जिसके कलेजे में दम होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तथा गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने यह करके दिखाया है। अब भारत के प्रत्येक नागरिक को जम्मू और कश्मीर में वैसा ही अधिकार प्राप्त हो गया है, जैसा जम्मू और कश्मीर के नागरिकों में भारत में प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रकरण पर भारत को पूरी दुनिया में अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हुआ। गृह मंत्री जी ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है। जम्मू और कश्मीर की विधान सभा में पाक अधिकृत कश्मीर स्थित निर्वाचन क्षेत्रों के लिए स्थान रिक्त हैं और भारत उसे लेकर रहेगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के पूरी तरह से भारत गणराज्य का हिस्सा बन जाने से उसके तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए यह वर्ष कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। वर्ष के प्रारम्भ में प्रयागराज कुम्भ-2019 का दिव्य व भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। इस आयोजन ने स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था के लिए वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनायी है। प्रयागराज कुम्भ-2019 में लगभग 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। पहली बार 72 देशों के राजदूतों ने कुम्भ में अपने ध्वज फहराकर इसे वैश्विक मान्यता दी। संयुक्त राष्ट संघ के 193 देशों में से 187 देशों के प्रतिनिधि इस आयोजन के सहभागी बने। सैकड़ों वर्षाें के बाद प्रयागराज कुम्भ में श्रद्धालुओं को अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल द्वारा कुछ नये ऐतिहासिक कदम उठाए गये हैं, जो भविष्य में उदाहरण बनेंगे। विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत कर इसमें 36 घण्टे तक लगातार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा तय किये गये 17 सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा की गयी है। यह लक्ष्य गरीबी उन्मूलन, शून्य भुखमरी, उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वच्छ जल और स्वच्छता, सस्ती और प्रदूषण मुक्त ऊर्जा, उत्कृष्ट कार्य और आर्थिक वृद्धि, इण्डस्ट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर, असमानता में कमी, संवहनीय शहर और समुदाय, संवहनीय उपभोग और उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, जलीय जीवों की सुरक्षा, स्थली जीवों की सुरक्षा, शांति, न्याय और सशक्त संस्थाएं, पार्टनरशिप आदि हैं। उन्होंने कहा कि यह सब मानवता की बात है। राज्य सरकार की मंशा है कि सदन इन बिन्दुओं पर चर्चा का केन्द्र बने तथा ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारम्भ किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की वर्ष 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर की बनाने की परिकल्पना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर की बनाया जाना आवश्यक होगा। पूर्वान्चल, बुन्देलखण्ड, गंगा आदि उत्तर प्रदेश में बिछने वाला एक्सप्रेस-वे का जाल राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार बनेगा। इन एक्सप्रेस-वे अलावा राज्य सरकार इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी तथा जिला मुख्यालयों को फोरलेन से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर कार्यवाही कर रही है।