जेएनयू समेत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को सरकार बना रही है धन उगाही का अड्डा : सीवाईएसएस
जेएनयू छात्रों की मांगों के समर्थन में “आप” सीवाईएसएस उत्तर प्रदेश ने दिया ज्ञापन
लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों की विभिन्न मांगों को मिला उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की छात्र इकाई, छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) का प्रदेशव्यापी समर्थन।
जेएनयू में बढ़ी हुई फीस, हॉस्टल फीस और यूनिवर्सिटी में लागू हुए ड्रेस कोड के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से छात्र काफी आक्रोशित हैं. फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का आंदोलन थम नहीं रहा है.
'आप' की छात्र इकाई, छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने मीडिया को बताया कि आज सीवाईएसएस लख़नऊ समेत पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालय पर सीवाईएसएस के पदाधिकारियों के साथ जेएनयू और छात्र हितों की चार सूत्रीय प्रमुख माँगो को लेकर महामहीम राष्ट्रपति को विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन दिया। जिस को लेकर आज लख़नऊ में जिलाधिकारी के माध्यम से सीवाईएसएस के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ महामहिम राष्ट्रपति जी को ज्ञापन दिया है।
वंशराज दुबे ने कहा कि, जेएनयू में हॉस्टल नियमों के तहत फीस बढ़ोतरी का असर 40 फीसदी छात्रों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जेएनयू में देशभर से दूर दराज गाँवो से गरीब, किसान, मजदूर के बेटे-बेटियां अपने काबिलियत के बल पर पढ़ने आते हैं और इस तरह से फीस बढ़ने का असर उनके मनोबल को तोड़ने का काम करता है. जेएनयू में कुल 18 हॉस्टल है और इनमें करीब 5500 छात्र रह सकते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री अपने लिए 190 करोड़ का हवाई जहाज लेकर देश में टैक्स देने वालों के साथ भद्दा मजाक कर रहे है ,उस पर भाजपा और उनके नेता नही बोलते, कितुं छात्रों को पढ़ाई के लिये जो अभी तक लाभ मिल रहा था उसपर इन्हें बहुत तकलीफ हो रही है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में सैकड़ों ऐसे छात्र हैं कि अगर 'नया हॉस्टल मैनुअल' लागू हो गया तो उनके पास पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचेगा, और केंद्र की मोदी सरकार यही चाहती है कि गाँव के किसान मजदूर का बच्चा पढ़ लिख न सके, और मोदी की की डिग्री का तो ख़ुद अता पता नही है तो छात्रों के दर्द को क्या जाने, और यही वजह है कि इस लड़ाई को हम छात्रों को अपने अस्तित्व की लड़ाई बनना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए सीवाईएसएस उत्तर प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राजनीति की नर्सरी कहे जाने वाले सभी विश्वविद्यालयों में बेतहाशा फ़ीस वृद्धि कर रही है, और छात्र संघ को पूरी तरह से नेस्तानाबूद करने का काम हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारी चार सूत्रीय मांगों में एक प्रमुख माँग महामहीम राष्ट्रपति जी से यह भी है कि ख़ासकर उत्तर प्रदेश में छात्र हितों के लिए छात्र संघ को बहाल किया जाए, और जिन भी विश्वविद्यालय में छात्रों पर फ़ीस के नाम पर , विचारधारा के नाम पर छात्रों पर कुलपतियों द्वारा दमन की कार्यवाही हो रही है उन सबको दण्डित कर बर्खास्त किया जाना चाहिए।
दरअसल जेएनयू के नए नियमों के मुताबिक हॉस्टल फीस में भारी बढ़ोतरी हुई है. उदाहरण के तौर पर सिंगल सीटर रूम का किराया 20 रुपये प्रतिमाह से बढ़कर 600 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है. डबल सीटर रूम का किराया 10 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिमाह हो गया है. वहीं वन टाइम मेस सिक्योरिटी फीस 5500 से बढ़ कर 12000 रुपये कर दी गई है. इसके अलावा पहले पानी, बिजली, रख रखाव और सफाई के नाम पर पैसे नहीं वसूले जाते थे लेकिन विश्वविद्यालय ने हर महीने छात्रों पर मेंटेनेंस के लिए 1700 रुपये का बोझ और डाला दिया है.
आज लखनऊ में ज्ञापन देने में मुख्य रूप से सीवाईएसएस की उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष रूही जमाल, लखनऊ मंडल अध्यक्ष अवनीश वर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी आयुष सिंह, युवा नेता ललित बाल्मीकि, आशुतोष पांडे तथा कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।