कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा का अनोखा संगम होगी फिल्म ‘बागपत का दूल्हा’
लखनऊ: फ़ेम फ़ैक्टरी के तहत बनी 'बागपत का दूल्हा' एक ऐसी कॉमेडी फ़िल्म है, जिसमें रोमांस और ड्रामा का अनोखा संगम देखने को मिलेगा. इस फ़िल्म में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थानीय बोली और स्थानीय कला की झलक भी देखने को मिलेगी.
फिल्म के प्रमोशन के लिए लखनऊ पहुंचे फिल्म के अभिनेता जय सिंह और असरार अहमद ने भी अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज करायी. कृष्ण कुमार भूत और रक्षा बरैया द्वारा निर्मित इस फ़िल्म का निर्देशन किया है करण कश्यप ने.
इस फ़िल्म को साझा तौर पर लिखा है सुहास सिंह और कनुप्रिया ने और फ़िल्मों के गीतों को लिखा है विष्णु, विक्रम और करण कश्यप ने जबकि इस फ़िल्म का संगीत दिया है चांद सक्सेना ने. फ़िल्म के कोरियोग्राफ़र हैं देवांग परदेसी और भारत चव्हाण. साजिद शेख ने फ़िल्म को ख़ूबसूरती से अपने कैमरे में क़ैद किया है. फ़िल्म के एक्शन का ज़िम्मा उठाया है हीरा मास्टर ने, तो वहीं फ़िल्म का पार्श्व संगीत दिया है चंदन सक्सेना और करण कश्यप ने.
इस फ़िल्म के मुख्य सितारों में जय सिंह, असरार अहमद, रूची सिंह, लोकेश मलिक, जिया चौहान, रजा मुराद, ललित परीमू, रवि झंकाल, अमिता नांगिया, पुनीत वशिष्ठ और शीतल धिमरी. उल्लेखनीय है कि कॉमेडी फ़िल्म 'बागपत का दूल्हा' जय सिंह की बतौर अभिनेता पहली फ़िल्म है.
'बागपत का दूल्हा' एक बेहद मनोरंजक फ़िल्म है और ये दर्शकों को बहुत गुदगुदायेगी. फ़िल्म में दिखाया गया है कि शिव शुक्ला और अंजलि की शादी तय हो जाती है, मगर मज़े की बात है कि हर कोई चाहता है को दोनों की शादी न हो. इतना ही नहीं, ख़ुद शिवा और अंजलि भी शादी नहीं करना चाहते हैं!
इस रोमांटिक कॉमेडी में ऐसे कई मौके आते हैं जब काफ़ी असमंजस की स्थितियां पैदा हो जातीं हैं. तमाम कॉमेडी और असमंजस की स्थितियों के बाद ये देखना काफ़ी दिलचस्प होगा कि क्या दोनों अपनी ही मर्ज़ी के ख़िलाफ़ ये शादी करते हैं या नहीं.
ग़ौरतलब है कि इस फ़िल्म की शूटिंग मेरठ और मुम्बई के कई इलाकों में की गयी है और ये फ़िल्म इसी साल नवंबर महीने में देशभर में रिलीज़ की जाएगी.
मीडिया से बातचीत करते हुए जय सिंह ने कहा, "मैं अपने रोल को लेकर काफ़ी उत्साहित हूं. मैं इस बात को लेकर भी ख़ुश हूं कि मुझे शूटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश और उसकी संस्कृति के बारे में काफ़ी कुछ जानने का मौका मिला. जब करण इस फ़िल्म की कहानी लेकर मेरे पास आये तो मुझे यह कहानी इसलिए भी बेहद पसंद आयी क्योंकि इसमें हंसी का काफ़ी पुट मौजूद थे. मुझे इस बात का पूरा यकीन है कि 'बागपत का दूल्हा' दर्शकों को हंसाने में कामयाब साबित होगी."
इस विशेष मौके पर अभिनेता असरार अहमद ने कहा, "मुझे एक कॉमेडी फ़िल्म की तलाश थी और 'बागपत का दूल्हा' में मुझे हंसी के सारे तत्व मिले. इस फ़िल्म में साधारण हिंदी भाषा के अलावा बागपत में बोली जानेवाली बोली का भी बख़ूबी इस्तेमाल किया गया है. बागपत के स्थानीय लहज़े का इस्तेमाल इस फ़िल्म का ख़ास आकर्षण है."