लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में खनन माफियाओं का बोलबाला है, ओवर लोेडिंग ट्रक सड़क पर चल रहे राहगीरों को कुचल ही नहीं रहे बल्कि सभी राजमार्ग की हालात दयनीय हो गई है। सपा सरकार का खनन माफियाओं को खुला संरक्षण है। क्या यही कारण है तमाम आरोपो के बाद भी खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है ?
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि खनन माफियाओं की पहुंच सत्ता के शीर्ष नेताओं तक है यही वजह है अवैध खनन में तैनात अधिकारी-माफिया और नेता पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही। पूरे प्रदेश में खनन माफियाओं-नेताओं और अधिकारियों का गठजोड़ चल रहा है मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी साफ-सुथरी छवि के लिये चिन्तित है तो उन्हें अपने खनन मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए, क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा नदियों में अवैध बालू खनन की जांच सीबीआई को सौपे जाना प्रदेश सरकार पर बड़ा सवाल खड़े करती है इससे प्रदेश की सपा सरकार के खनन माफिया से रिश्ते उजागर होते है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा सरकार ने बसपा सरकार के भ्रष्टाचार को आगे बढ़ाया है। सरकार पर उसके ही मंत्री सार्वजनिक आरोप लगा रहें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार खुले आम खनन माफियाओं को संरक्षण दे रही है। सरकारी संरक्षण में ये माफिया इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि इन्हें किसी का भी डर नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि हाइकोर्ट पिछले दिनों कई बार अवैध खनन रोकने का आदेश दे चुका है लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। खनन माफियाओं को सरकारी संरक्षण मिलने के कारण ही जिलाधिकारी और एसएसपी अवैध खनन रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इस वजह से बेलगाम खनन माफिया न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे हैं बल्कि सरकार को राजस्व का भी नुकसान उठना पड़ रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन के कारण गंगा नदी में कन्नौज जिले के गोरी बोगर में 6 जून को दो श्रद्धालु सहित अनेकों स्थानों पर लोगो की जान जा रही है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा सुविधानुसार कायदे-कानूनों का प्रयोग करने में जुटी अखिलेश सरकार खनन् माफियओं के आगे और बेबस नजर आ रही है अखिलेश सरकार में माफियाओं ने नई तकनीकी सीख ली है, सरकार तो पुल बना नहीं रही पर माफिया पुल बना ले रहे है, भले ही उन्हे इसके लिए नदी की धारा मोड़नी पडे़।