ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से पहले सीएम योगी से समीक्षा का अनुरोध
कारोबारी प्रतिनिधियों के स्वैच्छिक संगठन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
लखनऊ: भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अध्यादेश लाने के केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के हालिया कदम के मद्देनजर, भारत में इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम के कारोबारी प्रतिनिधियों के स्वैच्छिक संगठन TRENDS ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस बात का मूल्यांकन करने का अनुरोध किया है कि वह खुद देखें कि राज्य के नागरिक के सर्वोत्तम हित में क्या है। ट्रेंड्स इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) उपकरणों के आयातकों, वितरको और विक्रेताओं का एक समूह है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में, TRENDS ने इस बात को रेखांकित किया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू सेवन करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले विभिन्न तरीकों से जुड़े जोखिमों का तुलनात्मक आकलन या अध्ययन या कोई शोध नहीं किया है और उसने सभी राज्यों को ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का परामर्श भेज दिया है। मंत्रालय ने भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को सही ठहराने के लिए अमेरिका से प्राप्त आंकड़ों को आधार बनाया है।
TRENDS की संयोजक प्रवीण रिखी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा, ’’हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उत्तर प्रदेश के नेता के रूप में आप केंद्र सरकार से कहें कि वह राज्य के स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में अपना शोध और अध्ययन करने की अनुमति दे ताकि कोई ऐसा तर्कसंगत फैसला लिया जा सके जो राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों के हित में हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जनस्वास्थ्य राज्य विषयक मामला है और तंबाकू के सेवन से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर होने वाले अत्यधिक खर्च का बोझ राज्य के खजाने पर पडता है। अगर हमारे पास सिगरेट सेवन का एक सुरक्षित विकल्प है, जो कैंसर होने के मामलों में 50 प्रतिशत तक कमी कर देता है, तो आपके राज्य को धूम्रपान करने वालों के समक्ष इस विकल्प को क्यों नहीं पेश करना चाहिए? राज्य में तंबाकू खपत की स्थिति चिंताजनक है क्योंकि 15 वर्ष व इससे अधिक उम्र के लोगों में तंबाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 35.5 है तथा स्मोकर 13.5 प्रतिशत हैं।’’
TRENDS ने बताया कि ई-सिगरेट स्मोकर व सरकार दोनों के ही लिए एक समाधान बन सकता है- जो स्मोकर कम हानिकारक विकल्प को अपनाना चाहते हैं उनके लिए यह मुफीद है तथा स्वास्थ्य लागत व मृत्यु दर में कमी राज्य सरकार के लिए फायदेमंद है।
TRENDS ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि वे पद का उपयोग करते हुए केन्द्र सरकार, खास तौर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध करें कि संसद के अगले सत्र में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बारे में अंतिम फैसला लेने से पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य, राज्य के खजाने, किसान और व्यापार रोजगार और वयस्क उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों पर विचार-विमर्श किया जाए।