इथियोपिया की तेहाय गेमेचु ने जीती दिल्ली हाफ मैराथन, तोड़ा अपना ही रिकार्ड
एल. सूरिया ने भारतीय इलीट महिला इलीट एथलीटों में बाजी मारी, श्रीनू बुगाथा भारतीय इलीट पुरुष वर्ग में रहे चैम्पियन
नई दिल्ली: इथियोपिया की तेहाय गेमेचू एअरटेल दिल्ली हाफ मैराथन में अपना खिताब बचाने में सफल रहीं लेकिन उनकी इस जीत का खास पहलू यह रहा कि उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजधानी में 12 महीने पहले बनाया गया अपना ही कोर्स रिकार्ड ध्वस्त किया। गेमेचू ने रविवार को 66.00 मिनट में रेस पूरी की।
गेमेचू अभी सिर्फ 21 साल की हैं और 2018 में निकाले गए अपने समय से 50 सेकेंड कम लेकर इस आईएएएफ गोल्ड लेबल रेड रेस की विजेता बनीं। उन्हें पहले स्थान पर आने के लिए 27 हजार डॉलर मिले। साथ ही कोर्स रिकार्ड तोड़ने के लिए उन्हें बोनस के तौर पर अतिरिक्त 10 हजार डॉलर मिले।
महिला रेस में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी गई। गेमेचू और उनके ही देश् की येलामजेर्फ येहुआलाव के बीच अंतिम पांच किलोमीटर में हेड-टू-हेड मुकाबला हुआ।
कई धावक शुरुआती पांच किलोमीटर की दूरी 15.43 मिनट में ही पूरा करने में सफल रहीं। छह ने तो पेसमेकर्स का उपयोग करते हुए शुरुआती 10 किलोमीटर की दूरी 31.22 मिनट में पूरी कर ली थी लेकिन जैसे-जैसे दूरी बढ़ती गई, प्रतिभागियों की संख्या कम होने लगी और 15 किलोमीटर तक जाते-जाते गेमेचू और येहुआलाव के बीच मुकाबला रह गया। इन दोनों ने 15 किलोमीटर की दूरी 47.05 मिनट में पूरी की।
अंतिम किलोमीटर में अगस्त में अफ्रीकन गेम्स हाफ मैराथन जीतने वाली येहुआलाव ने बढ़त ले ली थी और ऐसा लग रहा था कि वह फिनिश लाइन पर पहले पहुंचते हुए गेमेचू को खिताब बचाने से रोक लेंगी लेकिन गेमेचू ने हार नहीं मानी और जल्द ही न सिर्फ आगे निकलने में सफल रहीं बल्कि अपना श्रेष्ठ समय निकालते हुए दिल्ली में अपना खिताब बचाने वाली दूसरी महिला बन गईं।
रेस के बाद गेमेचू ने कहा, ‘‘दोहा (जहां वह विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेते हुए 5000 मीटर रेस में चौथे स्थान पर रही थीं) के बाद मैं थकी हुई थी लेकिन मैं कोर्स रिकार्ड बनाना चाहती थी। मैं जानती थी कि मैं मानसिक तौर पर मजबूत हूं।’’
येहुआलाव इस साल अगस्त में 20 साल की हुई हैं। येहुआलाव ने अपने अपने बीते श्रेष्य समय से तीन मिनट अधिक लिया और दूसरे स्थान पर रहीं। येहुआलाव ने 66.01 मिनट का समय निकाला।
अच्छी शुरुआत करने वाली और 15 किलोमीटर तक काफी अच्छी स्थिति में दिखने वाली जेइनेबा यिमेर ने तीसरा स्थान हासिल किया और इस तरह इथियोपिया की धावकों को शुरुआती तीन स्थान प्राप्त हुए। 2018 में भी तीसरे स्थान पर आने वाली यिमेर ने 66.57 मिनट में रेस पूरी की।
2017 में वर्ल्ड क्रॉस कंट्री चैम्पियनशिप जीतने वाली केन्या की इरीन चेपताई पोडियम फिनिश नहीं कर पाईं लेकिन उन्होंने अपने हाफ मैराथन डेब्यू में संतोषजनक 67.39 मिनट का समय निकाला।
पुरुष वर्ग का खिताब एंडामलाक बेलिहू ने जीता। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में फिनिश लाइन के पास मौजूद रहते हुए एंडामलाक ने गेमेचू को भारत में आयोजित किसी हाफ मैराथन में सबसे अच्छा समय निकालते हुए देखा।
एंडामलाक भी इथियोपिया से हैं। एंडामलाक ने सात मिनट पहले ही अपनी रेस पूरी की थी। उन्होंने 59.10 मिनट समय के साथ पहला स्थान पाया। 2018 में भी वह चैम्पियन रहे थे और इस साल वह अपने बीते साल के समय में आठ सेकेंड का सुधार करने में सफल रहे।
हालांकि, एंडामलाक को अपने ही देश की गेमेचू की तरह कोर्स रिकार्ड तोड़ने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो सका। 2014 में इथियोपिया के ही गुये एडोला ने 59.06 मिनट के साथ दिल्ली में कोर्स रिकार्ड बनाया था।
महिला रेस की तरह ही पुरुष रेस मे भी काफी जबरदस्त प्रतिस्पर्धा हुई। अंतिम कुछ किलोमीटर में धावकों ने एक दूसरे को जबरदस्त चुनौती दी। छह धावक 10 किलोमीटर की दूरी 28.08 मिनट में ही पार कर दए। एंडामलाक के साथ एक अन्य इथियोपियाई सोलोमन बेरिहू और केन्या के किबिवोट कैंडी तथा एल्फ्रेड बाराक थे। हालांकि एंडामलाक ने इन सबके बीच खुद को श्रेष्ठ साबित करते हुए पोडियम पर पहला स्थान प्राप्त किया।
रेस के बाद एंडामलाक ने कहा, ‘‘18 किलोमीटर पर मुझे बैक पेन होने लगा था। इसी से मेरा कोर्स रिकार्ड बनाने का सपना टूट गया। मैं निराश हूं कि मैं कोर्स रिकार्ड से एक बार फिर चूक गया लेकिन अपना श्रेष्ठ समय निकालने का मुझे खुशी है। मैं अधिक शिकायत नहीं कर सकता। ’’ट
पुरुष वर्ग में बेरिहू ने 59.17 मिनट के साथ दूसरा और केंडी ने 59.33 मिनट के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
भारत के श्रीनूु बुगाथा ने 2019 में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए भारतीय इलीट पुरुष धावकों के बीच पहला स्थान हासिल किया। इस साल टाटा मुम्बई मैराथन जीतने वाले श्रीनू ने 1.04.33 घंटे के साथ पहला स्थान पाया जबकि सुरेश पटेल ने 1.04.57 घंटे के साथ दूसरा और हर्षद मराठे ने 1.05.12 घंटे के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
भारतीय इलीट महिला वर्ग में एल. सूरिया ने 1.12.49 घंटे के साथ पहला स्थान हासिल किया। वह इस वर्ग में दिल्ली में कोर्स रिकार्ड होल्डर हैं। दूसरे स्थान पर पारुल चौधरी रहीं, जिन्होंने 1.13.55 घंटे का समय निकाल जबकि चिंता यादव ने 1.15.28 घंटे के साथ तीसरा स्थान पाया।
श्रीनू ने रेस के बाद कहा, ‘‘मैंने अपने पिछले समय को पीछे छोड़ने के लिए काफी मेहनत की लेकिन दुर्भाग्य से मैं नाकाम रहा। मैंने हालांकि बाकी रेसरों को पीछे छोड़ा और शुरुआती लीड ले ली थी लेकिन अपना समय नहीं सुधार सका। पूरे रेस के दौरान कोई मेरे साथ नहीं दिखा।’’
तीन बार एडीएचएम चैम्पियन सुरेश पटेल ने कहा कि वह अपनी रणनीति को सही तरीके से लागू नहीं कर सके। सुरेश ने कहा, ‘‘शुरुआत में मैंने यह फैसला किया था कि मैं लीडर्स से पीछे रहूंगा। मैंने सोचा था कि अंतिम 10 किलोमीटर में मै सबसे आगे निकल जाउंगा लेकिन यह हो नहीं सका।’’
डेब्यू कर रहे हर्षद मराठे काफी अच्छा दौड़ रहे थे और पूरी रेस के दौरान श्रीनू के साथ ही रहे लेकिन बाद में उन्होंने खुद को पीछे कर लिया।
हर्षद ने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि मैं बीते दो साल से ही मैराथन धावक के तौर अभ्यास कर रहा हूं लेकिन इससे पहले मैंने शार्ट डिस्टेंस में किया है। मैं श्रीनू के साथ 15-16 किलोमीटर तक दौड़ा था। उन्होंने कहा था कि मैं कोर्स रिकार्ड तोड़ सकता हंू लेकिन इसके बाद मैंने फैसला किया कि अपनी ऊर्जा बचाने के लिए मुझे पीछे हो लेना चाहिए क्योंकि यह मेरा पहला हाफ मैराथन था।’’
सूरिया ने कहा कि उन्होंने पारुल के साथ दौड़ने का लुत्फ लिया। सूरिया ने कहा, ‘‘इस साल मुझे यहां दौड़ते हुए अच्छा महसूस हुआ। मैं रेस में अधिकांश समय तक पारुल के साथ दौड़ी। अच्छा लगा कि हम दोनो ने इस मैराथन में एक दूसरे साथ प्रतिस्पर्धा की।’’
पारुल ने कहा कि एडीएचएम के लिए अच्छी तरह तैयारी नहीं कर पाई थीं और इसी कारण उन्होंने सूरिया के साथ अधिक से अधिक दूरी तक दौड़ने का फैसला किया था। बकौल पारुल, ‘‘मैं इस इवेंट में अपना श्रेष्ठ समय निकालना चाहती थी और मैं जानती थी कि मैं जितनी दूरी तरह सूरिया के साथ दौड़ूंगी, मेरी समय उतना ही बेहतर होगा। ’’
चिंता यादव ने बीते साल की तुलना में अपने समय में छह मिनट का सुधार किया। चिंता ने कहा, ‘‘मैं बीते साल और इस साल इस इवेंट के लिए अच्छी तरह तैयारी नहीं कर पाई थी। हालांकि मैंने इस मैराथन में अपना समय बेहतर करने का मन बनाया था और इसी कारण मेरा समय बेहतर हुआ।’’