डाॅ0 कलाम मूलतः शिक्षक थे: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ एवं डाॅ0 कलाम सेंटर द्वारा होटल रेनायसंस मेरियट, गोमती नगर में आयोजित दो दिवसीय ‘डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम स्मृति अंतर्राष्ट्रीय युवा कान्क्लेव‘ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री फरीद महफूज़ किदवई, प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा मोनिका गर्ग, कुलपति प्रो0 विनय पाठक, स्व0 डाॅ0 कलाम के सहयोगी सृजन पाल सिंह सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि कल डाॅ0 कलाम की प्रथम पुण्य तिथि है। ऐसे में डाॅ0 कलाम के विचार को समझने व उनसे प्रेरणा लेने के लिए ऐसे आयोजन प्रशंसनीय हैं। डाॅ0 कलाम का व्यक्तित्व उनके ज्ञान के आधार पर हिमालय जैसा था। डाॅ0 कलाम के ज्ञान के आधार पर उन्हें आधुनिक संत या संत शिरोमणि भी कहा जा सकता है। डाॅ0 कलाम मूलतः शिक्षक थे जिनके पास सेवानिवृत्ति जैसा कोई शब्द नहीं था। जैसे सैनिक लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त होते हैं उसी प्रकार डाॅ0 कलाम छात्रों को सम्बोधित करते हुए दुनिया से विदा हो गये। उन्होंने कहा कि डाॅ0 कलाम की बातों को व्यवहार में कैसे लाये यह चर्चा का विषय है।
श्री नाईक ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन को उपयोग करने के लिए डाॅ0 कलाम के मन में स्पष्ट कल्पना थी, जिसे वे आसानी से दूसरों तक पहुँचाते थे। डाॅ0 कलाम ने युवाओं का आह्वान करते हुए यह भी कहा था कि खुली आंखों से सपने देखें और उसे साकार करने का प्रयास करें। डाॅ0 कलाम कहते थे कि भारत युवाओं का देश है। 2020 तक भारत विश्व का सबसे युवा देश होगा। युवा पूंजी को सही ढंग से उपयोग में लाये। सही उपयोग नहीं होगा तो यह पूंजी जिम्मेदारी बन जायेगी। सही मार्ग दर्शन के अभाव के कारण पूरे विश्व में आतंकवाद फैल रहा है। युवा पीढ़ी का उपयोग पूंजी के रूप में कैसे करें, यह विचार का विषय है।
राज्यपाल ने कहा कि 5 हजार वर्ष पहले भारत ने दुनिया के सामने ‘वसुधैव कुटुम्बकम‘् की बात रखी थी। संसद भवन के द्वार पर श्लोक लिखा है जो भारतीय विचारों के तत्व ज्ञान को बताता है कि यह मेरा है यह तेरा है, ऐसा विचार छोटे मन वालों को आता है। जबकि उदार चरित्र वालों के लिए सारा विश्व एक परिवार है। उन्होंने कहा कि जिन के पास गुण हैं, अच्छे विचार है, अच्छे काम करने की ताकत है, ऐसे लोग राजनीति में आने से बचते हैं। जब अच्छे लोग राजनीति में नही आयेंगे तो खाली जगह खराब लोगों से भरेगी।
इस अवसर पर फरीद महफूज किदवई ने कहा कि देश को नौजवानों से बहुत उम्मीद हैं। नयी पीढ़ी मुल्क की शान को समझे। पूरा विश्व भारतीय संस्कृति पर आश्चर्य करता है कि हमारे यहाँ विविधता में एकता है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 कलाम के अभियान को आगे बढ़ाने की जरूरत है।