पत्रकार सुरक्षा क़ानून के लिए लोकसभाध्यक्ष की पहल
नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने 'इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स' (आई.एफ.डब्ल्यू.जे.) के प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि वे पत्रकारों की सुरक्षा व उनसे जुडी अन्य समस्याओं को दूर करके के लिए सरकार से समुचित कानून बनाने की अनुशंसा करेंगे। श्री बिरला कल शाम अपने आवास पर पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल से कहा कि जीवंत लोकतंत्र के लिए सजग, जागरूक और निर्भीक पत्रकारिता का होना अत्यावश्यक है, जिस पर पूरे देश में मतैक्य है।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. की तरफ से उन्हें एक ज्ञापन भी दिया गया, जिसमें हाल ही में पत्रकारों के उत्पीड़न और उन पर हुए हमलों के प्रति चिंता व्यक्त की गई है। प्रतिनिधि मंडल के नेता आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने बताया कि श्री बिरला जी जितने सरल और सहज हैं उतने ही लोगों की समस्यों के प्रति व्यग्र और अपने निर्णयों में कठोर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी सरलता का ही द्यौतक है कि वे हमारी मात्र एक दिन की सूचना और आग्रह पर 2016 में जयपुर में आयोजित आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के सम्मेलन में शामिल हुए थे।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. ने अपने ज्ञापन में लोकसभाध्यक्ष से आग्रह किया कि वे अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए पत्रकारों के हितों के लिए एक पत्रकार सुरक्षा कानून बनवाएं जिससे उन पर आये दिन होने वाले हमले और धमकियाँ बंद हों। आज यह स्थिति है कि अपराधी, नेता, पुलिस, प्रशासन, माफिया आदि अपने मनमाफिक ख़बरों के दिए जाने के लिए पत्रकारों पर तरह-तरह दवाब डालते हैं और ऐसा न करने पर उन पर हमले करते और करवाते हैं। कई बार तो पत्रकारों को जान से ही मार दिया जाता है। पुलिस ऐसे अपराधी तत्वों को पकड़ने के बजाय उनका साथ देने लगती है।
आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के ज्ञापन में पत्रकारिता की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए एक ऐसे कानून को बनाए जाने की भी मांग की गई है, जिससे नकली पत्रकारों द्वारा भयादोहन और पीत पत्रकारिता पर रोक लगाई जा सके। प्रतिनिधि मंडल में आई.एफ.डब्ल्यू.जे. के महासचिव परमानन्द पाण्डेय, यू.पी.डब्ल्यू .जे.यू. के अध्यक्ष भास्कर दूबे, विधि सलाहकार मोहन बाबू अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार नीरज पाण्डेय, आलोक तिवारी समेत लगभग पंद्रह पत्रकार शामिल थे।