रेपो रेट के साथ RBI ने विकास दर का अनुमान भी घटाया
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट 0.25 फीसदी घटा दिया। अब यह 5.15 फीसदी हो गया है। रिजर्व बैंक ने 2019 में लगातार पांचवीं समीक्षा में रेपो रेट घटाया है। पांच बार में इसमें 1.35 फीसदी कमी की गई है। आरबीआई जिस ब्याज दर पर बैंकों को अल्प अवधि के कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। बैंक अपने कर्ज पर ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ रहे हैं, इसलिए इसमें कटौती से होम और ऑटो लोन समेत सभी कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेट कट का ऐलान किया। खास बात रही कि समिति के सभी छह सदस्यों ने कटौती के पक्ष में वोट दिया।
रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिए विकास दर के अनुमान में भी बड़ी कटौती की है। पहले इसने मौजूदा वित्त वर्ष में 6.9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था, अब इसे घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर छह साल के निचले स्तर, 5 फीसदी पर पहुंच गई थी। इसे बूस्ट देने के मकसद से कर्ज सस्ते करने का कदम उठाया गया है।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनसे निजी खपत और निवेश में बढ़ोतरी होगी। इसने कहा है कि अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 की छमाही में खुदरा महंगाई 3.5 से 3.7 फीसदी रहने के आसार हैं। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 3 से 5 दिसंबर 2019 को होगी।