ईरान के ख़िलाफ़ अत्याचारपूर्ण प्रतिबंध अमरीकियों की पराजय की निशानी हैं: रूहानी
तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति डाॅक्टर हसन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के 74वें अधिवेशन में भाग लेने के लिए सोमवार को न्यूयार्क रवाना होने से पहले तेहरान हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि परमाणु समझौते की कटिबद्धताओं के स्तर को कम करने के मामले में आज संसार के अधिकांश देश अमरीका की आलोचना कर रहे हैं और वे इस मामले को आईएईए में उठाने की अमरीका की अपील पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ अमरीका के अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों को अमरीकियों की पराजय का चिन्ह बताया और कहा कि ईरानी राष्ट्र, प्रतिबंधों और दुश्मनों के मुक़ाबले में पूरी शक्ति के साथ खड़ा है।
राष्ट्रपति डाॅक्टर रूहानी ने सऊदी अरब की आरामको तेल कंपनी की रिफ़ाइनरियों पर हमले के संबंध में ईरान पर अमरीका के प्रतिबंधों के बारे में कहा कि अमरीका, पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेना और पूर्वी सऊदी अरब के पूरे तेल पर क़ब्ज़ा करना चाहता है। उन्होंने इसी तरह हुर्मुज़ शांति योजना की तरफ़ इशारा करते हुए जिसे वे महासभा के अधिवेशन में पेश करने वाले हैं, कहा कि इस योजना के माध्यम से संसार को बताया जाएगा कि ईरान, क्षेत्र में दीर्घकालीन शांति चाहता है। डाॅक्टर रूहानी ने इस बात पर बल देते हुए कि ईरान, हुर्मुज़ शांति योजना के माध्यम से, फारस की खाड़ी के क्षेत्रीय देशों के सार्वजनिक सहयोग का इच्छुक है, कहा कि अमरीकी, वर्ष 2001 से इस क्षेत्र में हैं लेकिन वे कभी भी इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थापित नहीं कर पाए अतः क्षेत्र की समस्याओं का समाधान इसी क्षेत्र के देशों द्वारा किया जाना चाहिए।