अयोध्या पर न्यायालय जो फैसला भी करेगा हम उसे हम लागू करेंगे: सीएम योगी
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज़ चैनल के साथ इंटरव्यू में राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में रोज हो रही सुनवाई के कदम का स्वागत किया है और साथ ही इस मामले में तथ्यों के आधार पर एक सकारात्मक निर्णय आने की आशा जताई है.
योगी ने राममंदिर विवाद और अयोध्या में जारी सुनवाई पर कहा कि फैसला तथ्य और प्रमाण के आधार पर होता है. हम सब आशावादी हैं और हमें यह विश्वास है कि न्यायालय जो फैसला करेगा हम उसे हम लागू करेंगे. हमने पहले भी न्यायालय के फैसले को परिणाम देखे बिना लागू किया है. अच्छा होता कि अयोध्या मामले में मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो वक्त दिया था उसमें मुस्लिम पक्ष एक हल के लिए राजी होता. ऐसा होता जब वे सकारात्मक होते लेकिन अगर कोई जिद पर ही अड़ा हो तो मामले का हल मध्यस्थता से नहीं निकल सकता. ऐसे में उन्होंने कहा कि कोर्ट से उन्हें एक ऐसे फैसले की उम्मीद है, जिससे इस मामले का हमेशा के लिए अंत हो जाएगा.
सीएम योगी ने देश की बढ़ती जनसंख्या को अहम और ज्वलंत मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि देश के संसाधनों का बंटवारा सभी के बीच अच्छे से हो यह जनसंख्या नियंत्रण के बाद ही हो पाएगा. उन्होंने कहा कि हमारे पास वर्तमान में जो मानव संसाधन है, अब इसकी गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी की बात होनी चाहिए. आप कितना भी डेवलपमेंट करेंगे, अगर आबादी को नियंत्रित नहीं करेंगे तो हमारे सामने धार्मिक जनसंख्या की समस्या भी खड़ी हो सकती है.
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि अगर बढ़ती जनसंख्या पर लगाम नहीं लगाई गई तो इससे आने वाले समय में विकास योजनाओं का लाभ सभी को नहीं मिल पाएगा और इससे अन्य समस्याएं भी खड़ी होंगीं. उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि सरकार समय आने पर इस मुद्दे पर भी कदम उठाएगी.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, हिंदी हमारी राजभाषा है और हर राजभाषा का सम्मान होना चाहिए. जो भी हमारे देश के राष्ट्रीय सम्मान के प्रतीक हैं उनका सम्मान होना चाहिए. अंग्रेजी के साथ मातृभाषा का प्रयोग होना चाहिए. अगर अंग्रेजी का प्रयोग हो रहा है तो वहां पर तमिल का भी प्रयोग होना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि राजभाषा का सम्मान करना सबका दायित्व है. कुछ लोग हैं जिनको विरोध करना है. वो नहीं जानते वे किसका विरोध कर रहे हैं लेकिन उन्हें विरोध करना है. जैसे तमिलनाडु में अंग्रेजी के साथ तमिल का प्रयोग हो और साथ में हिंदी को एक विकल्प के तौर पर दिया जाए.