नई दिल्ली. दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि जेल भेजने से पहले उन्हें अस्पताल ले जाया जाए. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर डॉक्टर कहते हैं कि डीके शिवकुमार को अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत है, तो उन्हें भर्ती किया जा सकता है, अन्यथा उन्हें छुट्टी दी जा सकती है. जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में ले जाया जा सकता है. बता दें डीके शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था.

विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने शिवकुमार को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह पहले कर्नाटक के पूर्व मंत्री को अस्पताल ले जाए और देखे कि वहां चिकित्सक भर्ती करने के बारे में क्या सुझाव देते हैं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से शिवकुमार को पूछताछ के लिये न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की थी.ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल(एएसजी) के.एम. नटराज ने अदालत से कहा कि पूछताछ अब तक पूरी नहीं हो सकी क्योंकि उनके स्वास्थ्य की स्थिति के चलते कारगर पूछताछ नहीं हो पाई. नटराज ने अदालत से यह भी कहा कि धन शोधन शिवकुमार और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के जरिए हुआ.

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शिवकुमार की ओर से पेश होते हुए अदालत में दलील दी कि कांग्रेस नेता की स्थिति बहुत गंभीर है और वह दिल का दौरा पड़ने के करीब पहुंच गये थे, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत से कहा कि यह जमानत देने का एक मामला है, अदालत शर्तें नहीं लगा सकती. नहीं तो, फिर शिवकुमार को मेडिकल जमानत देने पर विचार किया जाए. उन्होंने कहा कि शिवकुमार को हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है, उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं है. हालांकि, ईडी ने कहा कि शिवकुमार की मेडिकल स्थिति का जांच एजेंसी ने ध्यान रखा और जमानत याचिका का विरोध किया.

बहरहाल, अदालत ने शिवकुमार की जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई के लिए बुधवार का दिन निर्धारित किया है. उल्लेखनीय है कि शिवकुमार को ईडी ने धन शोधन के मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने पर अदालत में उन्हें पेश किया गया.