गडकरी ने पार्टी छोड़ने वाले विपक्षी नेताओं को दिखाया आईना
कहा – डूब रहे जहाज से कूदते चूहे जैसा ना करें बर्ताव
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा किसी नेता को एक विचारधारा पर टिके रहना चाहिये. गडकरी ने नेताओं को सलाह दी कि इस मुश्किल घड़ी में नेताओं को डूबते जहाज से कूदते चूहों की तरह पार्टी बदलने से बचना चाहिए.
नितिन गडकरी ने कहा, 'मुझे लगता है कि नेताओं को स्पष्ट रूप से राजनीति का अर्थ समझना चाहिए. राजनीति महज सत्ता की राजनीति नहीं है. महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, पं. जवाहर लाल नेहरू और वीर सावरकर जैसे नेता सत्ता की राजनीति में शामिल नहीं थे.'
दिलचस्प है कि महाराष्ट्र में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए विपक्ष के नेता उमड़ पड़े हैं.
केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री ने कहा कि गांधीजी ने समाजकरण, राष्ट्रकरण और विकासकरण का अनुसरण किया. उन्होंने कहा, 'सिद्धांतों से समझौता मत कीजिये और धैर्य रखिये.' गडकरी ने कहा कि मैंने मुश्किल हालात में भी पार्टी छोड़ने के बार में नहीं सोचा, लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हैं कि लोग इस बात को ध्यान में रखकर पार्टियां बदल रहे हैं कि कौन सत्ता में है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, 'लोग उनके पीछे भागते हैं, जो सत्ता में होते हैं. आज हम सत्ता में हैं, वे (पार्टी बदलने वाले) हमारे साथ आएंगे. कल अगर किसी और को सत्ता मिलती है तो वे उनके पीछे भागेंगे. लोग बिल्कुल ऐसे पाला बदलते हैं, जैसे डूबते हुए जहाज से चूहे कूदते हैं.'
नागपुर से लोकसभा सदस्य गडकरी ने कहा, 'लेकिन ये लोग इतिहास नहीं लिखेंगे. इतिहास वही लोग लिखेंगे, जो परेशानियों का सामना करने के बावजूद अपनी विचारधारा पर कायम रहे.'
गडकरी ने नागपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे दिग्गज वामपंथी नेता व दिवंगत ए बी वर्धन के बारे में कहा, 'एबी वर्धन के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है, भले ही हम दोनों अलग-अलग विचारधाराओं से हों. वह वाकई एक समर्पित नेता थे. नागपुर में किसी भी नेता की तुलना में उनका कद बहुत ऊंचा है.'