संघ ने कहा- अब कश्मीर से जल्द हटेगी धारा 370 और 35A
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि तीन तलाक बिल पास होने से संघ खुश है. इस बिल से मुस्लिम महिलाओं को एक बुरी प्रथा से मुक्ति मिलेगी. उन्होंने कहा कि कहा कि ये काम संघ ने शुरू किया था. कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा 370 और 35 अ को जल्द हटाया जाएगा, ये अंतिम सांसें गिन रही हैं.
आरएसएस के प्रचारक इन्द्रेश कुमार ने कश्मीर मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच द्वारा राजधानी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही. उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर कहा कि कश्मीर में धारा 370 और 35 अ को हटाने का मन केंद्र सरकार ने बना लिया है, बस घाटी का तापमान नियंत्रण रखना है, जिसकी कोशिश हो रही है. वहीं 370 और 35 अ अपनी अंतिम सांसे गिन रही है.
उन्होंने कहा कि ये धाराएं हटना तय है इसका प्रतीक्षा करिए, जल्द हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जब हर कश्मीरी के लिए पूरा हिंदुस्तान खुला है तो फिर हर भारतीय के लिए कश्मीर क्यों नहीं खुला है.
इंद्रेश कुमार ने कहा है कि मंगलवार की शिवरात्रि करोड़ों मुस्लिम महिलाओं के लिए खुश खबर लेकर आई. इस दिन मुस्लिम महिलाओं के लिए चली आ रही बुरी प्रथा तीन तलाक से महिलाओं को मुक्ति मिल सकेगी.
राज्यसभा से तीन तलाक विधेयक पास होने पर उन्होंने कहा कि हमने 6 साल पहले इस अभियान को छेड़ा था. उन्होंने कहा कि इस्लाम में 4 शादी मंजूर नहीं. पहली पत्नी के सिवा कोई दूसरी पत्नी से शादी नहीं कर सकता. ज्यादा शादी और ज्यादा संतान नहीं करना, क्योंकि इसके करने से खुदा का नाम नहीं ले पाएंगे. ये खुदा कहते हैं.
इंद्रेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच का पांचवा सम्मेलन मसूरी में होने जा रहा है. सम्मेलन में पिछले वर्षो के कार्यों की समीक्षा की जाएगी साथ ही कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे. भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर को लेकर पूछे सवाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि मैं उनका सम्मान करता हूं, और उन्होंने माफी मांग ली है. अब इस मामले को तूल देने का कोई मतलब नहीं है.
देश में बढ़ती माब लिंचिंग की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि कश्मीर में अल्लाह और खुदा के नाम लाखों लोगों को निकाला गया है. पाकिस्तान का झंडा उठाना इसका उदाहरण. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाना लिंचिंग ही है. गाय को लेकर देश में एक भावना है, एक अलग भाव है. उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति गाय की चर्बी से बने कारतूस के विरोध में हुई. गाय को मारकर लोग क्रांतिकारियों का अपमान कर रहे हैं और जितने भी प्रकार की लिंचिंग है, उसे लेकर कानून बनना चाहिए.