नई दिल्ली: बुधवार को राज्यसभा ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया। इसी विधेयक पर चर्चा के दौरान बोलते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने साझा किया कि एक किशोर के रूप में उनका यौन शोषण किया गया था। उन्होंने लोगों से इस तरह के अनुभवों के बारे में बात करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा और भी सदस्यों ने ये बात साझा करने के लिए उनके साहस की प्रशंसा की।

58 साल के डेरेक ओ ब्रायन ने बच्चों पर यौन उत्पीड़न के लिए मौत की सजा को शामिल करने के लिए यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों का समर्थन किया। राज्यसभा में उन्होंने कहा, 'यह बहुत स्पष्ट है कि उत्पीड़न कहां से शुरू होता है, यह घर से शुरू होता है। लोगों को विशेष रूप से सार्वजनिक जीवन में इस बारे में बात करने और बातचीत शुरू करने की आवश्यकता है। सार्वजनिक जीवन में जितने अधिक लोग दुर्व्यवहार के बारे में बोलेंगे बच्चों के लिए बोलना उतना ही आसान होगा।'

डेरेक ने कहा, 'सर यही बात मैं बहुत गर्व और दुख के साथ कहना चाहता हूं, मैं साझा करना चाहता हूं- मेरा परिवार जानता है और मुझे लगता है कि भारत को जानने की जरूरत है- 13 साल की उम्र में मेरा यौन उत्पीड़न किया गया। टेनिस के अभ्यास के बाद मैं शॉर्ट पैंट और टी-शर्ट पहन कोलकाता में भीड़ से भरी बस में गया, जहां मेरा यौन उत्पीड़न किया गया। एक आदमी इस लड़के के शॉर्ट्स पर स्खलित हो गया। मैंने इसके बारे में नहीं बोला। कई सालों तक चुप्पी साधे रहने के बाद अपने माता पिता को इस बारे में बताया। हमें लोगों तक पहुंचने के लिए इस मंच का उपयोग करने की आवश्यकता है। जितना अधिक हम इसके बारे में बात करेंगे उतना ही बच्चों को बचाया जाएगा।'

उन्होंने कहा, 'बात सजा की नहीं है, रोकथाम की है। उन्होंने टिप्पणी की कि इसके बारे में बात करने से मदद मिलेगी।' उन्होंने स्वीकार किया कि इस घटना के बारे में बात करने के लिए उन्हें कई साल लग गए। उन्होंने अन्य सांसदों से यौन उत्पीड़न या उत्पीड़न के बारे में बोलने का आग्रह किया।
महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ओ'ब्रायन की सराहना करते हुए बहस का जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'यह सच है कि एक सांसद ने 13 साल की उम्र में जो सामना किया उसे आज 46 साल बाद साझा किया। समाज में अब पुरुषों को भी इस तरह की घटनाओं का उल्लेख करने में संकोच नहीं करना चाहिए।'

इस बिल में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है। मंत्री ने कहा, 'विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा और दुर्लभतम मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। बाल यौन अपराधों की प्राथमिकी दर्ज होने के दो माह के भीतर जांच पूरी करने और एक वर्ष के भीतर मुकदमा पूरा करने का प्रावधान है।'