सोनभद्र में अपराधियों के साथ खड़ी है योगी सरकार: सुरजेवाला
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रशासन द्वारा रोके जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने शनिवार को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में ''जंगल राज '' होने और आदिवासियों की ''संस्थागत हत्या'' किए जाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि आखिर सरकार प्रियंका से डरी हुई क्यों है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ''सोनभद्र का नरसंहार देश के गरीब और किसान के खिलाफ है। ये हत्याएं संस्थागत मानी जाएं।'' उन्होंने कहा, "पीड़ितों की न्याय देने की बजाय अजय सिंह उर्फ आदित्यनाथ की सरकार विपक्षी दलों के नेताओं के दमन में लगी है। प्रियंका जी का कसूर इतना ही है कि वह पीड़ितों से मिलना और उनके आंसू पोंछना चाहती थीं।''
सुरजेवाला ने कहा, " पीड़ित आदिवासियों के गांव ऊंभा को पुलिस छावनी बना दिया गया। किसी के आने जाने पर रोक लगा दी गयी है। क्या वहां आतंकवादी और उग्रवादी हैं?'' उन्होंने दावा किया, "आदित्यनाथ सरकार ने 19 अक्टूबर 2017 को आदिवासियों की जमीन को मुख्य आरोपी के नाम कर दी।
योगी सरकार आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करवाना चाहती है। आदिवासी किसान के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं। आदिवासियों ने जिलाधिकारी के पास आवेदन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।'' उन्होंने कहा, ''यह आदित्यनाथ सरकार का षडयंत्र नहीं तो क्या है?
सच्चाई यह है कि आदित्यनाथ सरकार अपराधियो को संरक्षण दे रही है। वह सोनभद्र में अपराधियों के साथ खड़ी है।'' उन्होंने कहा कि हम नरसंहार के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, "क्या पूरे उम्भा गाँव (सोनभद्र) को पुलिस छावनी में बदल कर सच दबा पाएगी आदित्यनाथ सरकार?
भाजपा सरकार को प्रियंका गांधी से डर क्यों लगता है?'' गौरतलब है कि प्रियंका को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया। वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी। प्रियंका प्रशासन के इस कदम के विरोध में धरने पर बैठ गईं।
बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। शनिवार सुबह पीड़ित परिवारों के कुछ लोग खुद वहां पहुंचे और प्रियंका से मिले। पिछले दिनों सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कथित रूप से दूसरे पक्ष पर गोलीबारी की जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।