ईएमआई में राहत की खुली राह
आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया
मुंबई : रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार सुबह रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटा दिया है। रेपो रेट को कम करने का निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू हो गया। रेपो रेट कम होने के बाद अब ईएमआई कम होने के आसार बन गए हैं। गौर हो कि खाद्य कीमतों के स्थिर रहने से काफी दिनों से आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की मांग की जा रही थी। आरबीआई के इस कदम से बैंकों द्वारा अपने ऋण दरों (होम लोन, कार लोन) में कटौती की संभावना बन गई है।
मुद्रास्फीति की नरमी एवं आर्थिक वृद्धि के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपनी नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करके 7.75 प्रतिशत कर दी। रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में कटौती करने का निर्णय प्रस्तावित मौद्रिक नीतिगत समीक्षा से करीब एक पखवाड़े पहले ही कर दिया। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा तीन फरवरी को प्रस्तावित थी। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर 8.0 प्रतिशत में 25 आधार अंक की कटौती करके 7.75 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। यह तत्काल रूप से प्रभावी हो गई है। रिजर्व बैंक जनवरी 2014 से अपनी नीतिगत ब्याज दरें आठ प्रतिशत पर स्थिर रखे हुये था।
बताया जा रहा है कि आरबीआई ने यह फैसला हाल में महंगाई दर में आई कमी की वजह से लिया है। जिसके बाद रेपो रेट को कम कर दिया गया। अब यह उम्मीद बढ़ गई है कि जल्द ही होम लोन और कार लोन सस्ते हो सकते हैं। साथ ही बैंकों के पास ईएमआई कम करने का मौका भी होगा।
इसके अलावा, रिजर्व बैंक ने यह भी साफ कर दिया कि ईएमआई कम करने का फैसला बैंक लेंगे। बता दें कि रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंक को लोन देता है। ब्याज दर कम होने का मतलब यह है कि बैंकों के पास अब ज्यादा पैसा होगा, जिसे वह बाजार में डाल सकते हैं।