सुपर ओवर में ज़्यादा बॉउंड्री लगाने से इंग्लैंड ने जीता विश्व कप
भाग्य ने न्यूज़ीलैण्ड का नहीं दिया साथ, नियम इंग्लैंड के पक्ष में रहे
लंदन: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 का रोमांचक फाइनल इंग्लैंड ने नियमों के आधार पर जीत लिया. इंग्लैंड ने सुपरओवर में ज्यादा बाउंड्री लगाने के कारण इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया. पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में न्यूजीलैंड ने 241 रन बनाए, जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम भी 241 रन ही बना सकी. इसके बाद सुपरओवर हुआ और इंग्लैंड ने 6 गेंदों में 15 रन बनाए. 16 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी कीवी टीम भी 15 रन ही बना सकी, लेकिन ज्यादा बाउंड्री लगाने के लिहाज से इंग्लैंड को वर्ल्ड चैंपियन घोषित किया गया.
इंग्लैंड ने पहली बार वर्ल्ड कप जीतने के कारनामे को अंजाम दिया. वहीं लगातार तीसरी बार कोई टीम अपने ही घर पर वर्ल्ड कप जीती. साल 2015 का फाइनल गंवाने के बाद न्यूजीलैंड ने एक बार फिर वर्ल्ड कप फाइनल गंवा दिया और उसका वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूट गया.
इंग्लैंड के लिए इस मैच में सबसे ज्यादा रन बेन स्टोक्स ने बनाए. उन्होंने 98 गेंदों पर पांच चौके और दो छक्कों की मदद से नाबाद 84 रन बनाए. जोस बटलर ने 59 रन बनाए. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने वाली कीवी टीम के लिए हेनरी निकोलस ने अर्धशतक जमाया जिसकी बदौलत कीवी टीम 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 241 रन बना सकी. निकोलस ने 77 गेंदों का सामना कर चार चौकों की मदद से 55 रनों की पारी खेली. टॉम लाथम ने 47 और कप्तान केन विलियम्सन ने 30 रनों का योगदान दिया. इंग्लैंड के लिए क्रिस वोक्स और लियाम प्लेंकेट ने तीन-तीन विकेट लिए.
लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसका पहला विकेट महज 28 के कुल स्कोर पर गिर गया। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 87 रन की पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय 17 रन बनाकर अपना विकेट बैठे। उन्हें मैट हेनरी ने छठे ओवर की चौथी गेंद पर पवेलियन की राह दिखाई। वह हेनरी की गेंद पर चूक गए और विकेट के पीछे टॉम लाथम के हाथों लपके गए। इसके बाद सलामी बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने जो रूट के साथ पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 31 रन की साझेदारी की। यह साझेदारी रूट के 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर आउट होने के बाद टूटी। उन्हें कोलिन डी ग्रांडहोम ने विकेट के पीछे लाथम के हाथों लपकवाया। रूट शुरू से अपनी लय में नजर नहीं आए। वह 30 गेंदें खेलकर सिर्फ 7 रन ही बना सके।
इंग्लैंड को तीसरा झटका बेयरस्टो के रूप में लगा। बेयरस्टो से टीम को बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन वह 55 गेंदों में 36 रन ही बना पाए। उन्होंने अपनी पारी में 7 चौके लगाए। उन्हें लॉकी फॉर्ग्यूसन ने 20वें ओवर की तीसरी गेंद पर बोल्ड कर पवेलियन भेजा। शीर्ष क्रम के ढह जाने के बाद इंग्लैंड की उम्मीदें कप्तान इयोन मोर्गन से थीं मगर वह आशानुरूप बल्लेबाजी करने में सफल नहीं रहे। मोर्गन 22 गेंदों में सिर्फ 9 रन ही जुटा पाए। उन्हें जिम्मी नीशम ने 24वें ओवर की पहली गेंद पर पवेलियन की राह दिखाई। उन्होंने बड़ा शॉट मारने की फिराक में फॉर्ग्यूसन को कैच थमा दिया। फॉर्ग्यूसन ने डाइव लगाकर शानदार कैच लपका।
यहां से बेन स्टोक्स और जोस बटलर ने मोर्चा संभाला। दोनों पांचवें विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी कर लड़खड़ाई इंग्लैंड टीम को पटरी पर लाए। जब तक यह दोनों क्रीज पर थे इंग्लैंड की मैच पर पकड़ मजबूत थी। लेकिन बटलर के 45वें ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट होने से टीम एक बार फिर संकट में फंस गई। उन्हें फॉर्ग्यूसन ने सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी टिम साउदी के हाथों कैच आउट कराया। बटलर ने 60 गेंदों में 6 चौकों के जरिए 59 रन की पारी खेली। उनका विकेट 196 के कुल स्कोर पर गिरा। इसके बाद स्टोक्स ने पारी को आगे बढ़ाया लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई साथ देने वाला नहीं मिला। लियम प्लंकेट (10), जोफ्रा आर्चर (0), आदिल राशिद (0), मार्क वुड (0) क्रिस वॉक्स (2) सस्ते में पवेलियन लौटे। स्टोक्स इंग्लैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 15 रन की दरकार थी लेकिन मेजबान टीम 14 रन ही बना सकी और मैच टाइ होकर सुपर ओवर में पहुंच गया। स्टोक्स 98 गेंदों में 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 84 रन बनाए।
कीवी टीम की तरफ से सर्वाधिक रन हेनरी निकोलस (55) ने बनाए। निकोलस के अलावा टॉम लाथम (47), केन विलियम्सन (30), मार्टिन गुप्टिल (19), जिम्मी नीशम (19), कोलिन डी ग्रांडहोम (16) और रॉस टेलर (15) और मैट हेनरी ने 4 रन का योगदान दिया। वहीं, मिशेल सेंटनर 5 और ट्रेंट बोल्ड 1 रन बनाकर नाबाद रहे इंग्लैंड की ओर से लियम प्लंकेट और क्रिस वॉक्स ने तीन-तीन जबकि मार्क वुड और जोफ्रा आर्चर ने एक-एक विकेट चटकाया।