नई दिल्ली: अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमला मामले में स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने चार अभियुक्तों को उम्रकैद और एक अभियुक्त को बरी कर दिया है। 14 वर्ष पहले यानि 2005 में अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर आतंकी हमले से दहल उठी थी। इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है।

इस हमले से जुड़े आरोपी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। सभी आरोपियों का संबंध जैश ए मोहम्मद से है। 2005 में जुलाई के महीने में जैश के आतंकी असलहों के साथ राम जन्मभूमि परिषर में दाखिल हुए थे। आतंकियों और सुरक्षाकर्मियों में करीब दो घंटे तक मुठभेड़ हुई थी और उसमें पांच आतंकी मारे गए थे। लेकिन दो आम लोगों की भी जान चली गई थी।

इस मामले में आसिफ इकबाल, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद अजीज, शकील अहमद और डॉ इरफान का नाम सामने आया। इन सभी आरोपियों को फैजाबाद जेल में बंद किया गया था। लेकिन 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इस केस में कुल 63 गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायधीश कर रहे हैं। पुलिस की तफ्तीश में ये जानकारी सामने आई थी कि आतंकियों मे जम्मू में षड़यंत्र रचा था। मार्शल कार में आतंकियों ने हथियारों को रखा और दिल्ली स्थित डॉ इरफान के क्लीनिक पर पहुंचे थे।

जमीअत उल्माए हिन्द फैसले को करेगी चैलेंज

जमीअत उल्माए हिन्द महाराष्ट्र( अरशद मदनी ग्रुप) के क़ानूनी इमदाद कमिटी के सरबराह गुलज़ार आज़मी ने मुंबई में पत्रकारों को बताया कि स्पेशल कोर्ट के फैसले को तंज़ीम इलाहाबाद हाई कोर्ट में चैलेंज करेगी और आरोपियों की ज़मानत के भरपूर प्रयास भी करेगी|