पासवान की पार्टी में फूट, बागियों ने किया लोजपा (सेक्युलर) बनाने का ऐलान
पटना: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा में फूट पड़ गई है. पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए नया मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया है. लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा ने बताया कि वह और उनके समर्थक लोजपा (सेक्युलर) का गठन करेंगे. इस नई पार्टी में लोजपा के पूर्व सांसद समेत राष्ट्रीय महासचिव तक शामिल हैं. सत्यानंद शर्मा समेत लोजपा के 116 पदाधिकरारियों ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है.
लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सत्यानंद शर्मा ने पार्टी में परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी में परिवारवाद हावी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी को कुछ लोग चला हैं, पार्टी में लोकतंत्र खत्म हो गया है. साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव में पैसा लेकर उम्मीदवारों को टिकट दिये जाने का आरोप लगाया. उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी वैशाली से लोजपा प्रत्याशी वीणा देवी को भी पैसा लेकर टिकट दिये जाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि वह एक दिन भी पार्टी में नहीं रही. इसके बावजूद पैसा लेकर टिकट दे दिया गया. लोजपा के प्रदेश महासचिव समेत कई पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है. आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में उन्होंने बताया कि वह और उनके समर्थक लोजपा (सेक्युलर) का गठन करेंगे. सत्यानंद शर्मा ने अलग पार्टी का गठन करते हुए रामविलास पासवान पर गंभीर आरोप लगाए है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि लोजापा में परिवारवाद और भ्रष्टाचार दोनों हावी हो गई है. उन्होंने पार्टी पर पैसा लेकर टिकट बांटने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केवल अपने परिवार के लोगों को पार्टी प्रमुख टिकट दे रही है. शर्मा ने आरोप लगाया कि पार्टी संगठन से जुड़े लोगों की लगातार अनदेखी कर रही है. यह केवल परिवार को ही अहमियत दे रही है.
यहां बता दें कि लोजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में छह सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और सभी सीटों पर जीत हासिल की. इसमें रामविलास पासवान के परिवार के लोग ही चुनाव लड़ रहे थे. रामविलास पासवान ने अपने परंपरागत सीट हाजीपुर से भी अपने भाई को टिकट दिया था. जबकि जमुई सीट पर बेटे चिराग पासवान को टिकट दिया गया.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बिहार में टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के नेताओं में असंतोष देखने को मिला था. रामा सिंह पिछले कई दिनों से बागी तेवर अपना रहे थे. तो कई ऐसे लोग भी असंतुष्टों में शामिल हैं, जिन्हें टिकट मिलने की आस थी. लेकिन पूरी नहीं हो सकी थी.