लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि किसी को भी कानून के साथ खिलावाड़ करने नहीं देंगे। उन्होंने सभी आयोगों के प्रमुखों से स्पष्ट कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए। प्रदेश के युवाओं को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि जो कोई भी आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा। उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।

गौर हो कि इस मामले में एसटीएफ की जांच में अंजूलता की नकल माफिया के साथ साठगांठ का खुलासा हुआ। इस परीक्षा का प्रश्नपत्र कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस के मालिक कौशिक कुमारकर के प्रेस में होनी थी, जिसे पर्चा लीक करने के आरोप में पहले ही डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका था। कौशिक के यहां से यूपीपीएससी की होने वाली मुख्य परीक्षा का प्रश्नपत्र भी बरामद हुआ था। इस खुलासे के बाद आयोग ने पीसीएस, एसीएफ और आरएफओ मुख्य परीक्षाओं समेत कुल 10 परीक्षाओं को स्थगित कर दिया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपीपीएससी परीक्षाओं को घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य की बीजेपी सरकार कमीशनखोरों का हित देखने में मस्त है। प्रियंका ने शुक्रवार को ट्वीट किया था 'यूपीपीएससी का पेपर छापने का ठेका एक डिफॉल्टर को दिया गया। आयोग के कुछ अधिकारियों ने डिफॉल्टर के साथ साठ-गांठ करके पूरी परीक्षा को कमीशन- घूसखोरी की भेंट चढ़ा दिया। उन्होंने आरोप लगाया 'सरकार की नाक के नीचे युवाओं को ठगा जा रहा है, लेकिन यूपी सरकार डिफॉल्टरों और कमीशनखोरी का हित देखने में मस्त है।'

प्रियंका ने ट्वीट के साथ कुछ खबरों की कटिंग भी टैग की है, जिनमें यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों के लिए पिछले साल 29 जुलाई को हुई परीक्षा का पर्चा एक दिन पहले ही लीक होने के मामले में प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार के यहां गुरुवार को मारे गए छापे और गिरफ्तारी का जिक्र है।