चिकित्सक और रोगी के बीच स्नेह और विश्वास का संबंध होता है: राम नाईक
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में आयोजित इण्डो जापानीज क्राॅनिक टोटल आक्लुजन क्लब द्वारा आयोजित कांफ्रेंस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डाॅ0 राकेश कपूर, आॅर्गनाईजिंग कोर्स डायरेक्टर डाॅ0 प्रवीन के0 गोयल, कोर्स डायरेक्टर हैदराबाद डाॅ0 सूर्य प्रकाश राव, कोर्स डायरेक्टर जापान के डाॅ0 मसहिसा यामने, कोर्स डायरेक्टर थिरूअनंतपुरम के डाॅ0 एन0 प्रताप कुमार, आॅर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डाॅ0 रूपाली खन्ना सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे। इस अवसर पर सभी विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि ‘चिकित्सा क्षेत्र का मैं कोई मर्मज्ञ नहीं हूँ। मुझे राज्यपाल की हैसियत से कांफ्रेंस के उद्घाटन के लिये बुलाया गया है। 5 अप्रैल को कार्डियोलाॅजी पर एक संगोष्ठी का आयोजन इसी संस्थान में किया गया था जिसमें उप राष्ट्रपति श्री एम0 वेंकैया नायडु उद्घाटन करने आये थे। मैंने उस समय भी कहा था कि मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूँ, ज्यादा से ज्यादा एक पेशेन्ट हो सकता हूँ। समय पर कही गयी बात कभी सच हो जाती है। रूटीन जांच के लिये जब माह अप्रैल में मैं आया तो चिकित्सकों ने सलाह दी कि एहतियात के तौर पर पेस मेकर लगाना चाहिये। चिकित्सकों ने पेस मेकर लगाया और तीन दिन में घर जाने की अनुमति दी। जाते-जाते चिकित्सकों ने मुझे ‘गुड पेशेन्ट’ का प्रमाण-पत्र भी दिया।’ उन्होंने कहा कि चिकित्सक और रोगी के बीच स्नेह और विश्वास का संबंध होता है तो रोगी जल्दी स्वस्थ होता है।
श्री नाईक ने कहा कि ऐसे आयोजन चिकित्सकीय ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम होते हैं तथा विज्ञान की प्रगति का उपयोग रोगी के उपचार में किया जाता है। इस संगोष्ठी में देश एवं विदेश के विशेषज्ञ इस बात पर विचार करें कि ज्ञान का उपयोग कैसे करें। चिकित्सकों के ज्ञानवर्द्धन से रोगी को लाभ होता है। बदलती जीवन शैली खान-पान, व्यस्तता एवं प्रदूषण के कारण रोगियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक रोगियों को रोग से बचने की जानकारी भी दें।
राज्यपाल ने कहा कि आज का दिवस पूरे विश्व में ‘नो टोबैको दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पूरे विश्व में 70 लाख से ज्यादा लोग प्रतिवर्ष तम्बाकू सेवन के कारण असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। केवल भारत में तम्बाकू सेवन से होने वाली मौतों की संख्या लगभग 10 लाख प्रतिवर्ष है। तम्बाकू देश में राजस्व का स्रोत अवश्य है किन्तु तम्बाकू सेवन से होने वाले रोग का उपचार उससे कहीं महंगा है। चिकित्सक सहजता और विश्वास से रोगी को सलाह दें। उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डाॅ0 राकेश कपूर, डाॅ0 सूर्य प्रकाश राव, डाॅ0 मसहिसा यामने, डाॅ0 एन0 प्रताप कुमार ने भी अपने विचार रखे। डाॅ0 प्रवीन के0 गोयल ने कार्यक्रम पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा डाॅ0 रूपाली खन्ना ने धन्यवाद ज्ञापित किया।