नई दिल्ली। सीबीआई ने राजेंद्र कुमार की रिमांड की अर्जी में इस बात का खुलासा किया कि जिन वॉइस सैंपल की बात सीबीआई ने कोर्ट में कही थी उन सैंपल की CFSL रिपोर्ट को पॉजिटिव माना गया है। और उसमें जो आवाजें हैं वो आरोपियों की है। कुल 12 वॉइस सैंपल सीबीआई के पास हैं। इस वॉइस सैंपल से साफ पता चला है कि आरोपियों ने घूस लेने की बात की है।
राजेंद्र कुमार समेत पांच लोगों को सीबीआई ने बीती 4 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था। केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के साथ-साथ तरुण शर्मा, संदीप कुमार, दिनेश कुमार गुप्ता और अशोक कुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। सीबीआई का कहना था कि राजेंद्र कुमार घोटाले के सूत्रधार हैं। राजेंद्र पर नियमों की अवहेलना करते हुए ठेके देने का आरोप है। CBI जांच में 50 करोड़ के घोटाले की बात सामने आ रही है।
राजेंद्र कुमार ने अपने दोस्त के साथ 2006 में कंपनी की शुरुआत की थी। सीबीआई को शिकायतें मिली थीं जिसमें कहा गया था कि कुमार ने अपनी नियुक्ति के दौरान निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम किया। सीनियर ब्यूरोक्रेट आशीष जोशी ने राजेंद्र कुमार के खिलाफ ऐंटी-करप्शन ब्रांच चीफ एसके मीणा को शिकायत भेजी थीं। जोशी ने कुमार पर कथित तौर से भ्रष्टाचार की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।