कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भड़की हिंसा और उस दौरान लेखक-समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के मसले पर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग (ईसी) की भूमिका पर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ईसी बीजेपी के हाथों बिक चुका है। दीदी इसके साथ ही बोलीं कि वह यह बात बोलने के लिए जेल भी जाने को राजी हैं, क्योंकि वह सच बोलने से नहीं डरती हैं।

गुरुवार को दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में एक चुनावी जन सभा के दौरान उन्होंने कहा, “कल रात हमें पता लगा कि बीजेपी ने ईसी से शिकायत की है, ताकि नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद हम कोई बैठक या कार्यक्रम न कर पाएं। ईसी, बीजेपी का भाई है। इससे पहले तक वह एक निष्पक्ष संस्था थी, पर देश में अब हर कोई कह रहा है कि ईसी बीजेपी के हाथों बिक चुकी है।”

उनके मुताबिक, “मैं दुखी महसूस कर रही हूं, पर मेरे पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं इसके लिए जेल जाने के लिए भी राजी हूं, क्योंकि मैं सच बोलने से नहीं डरती।”

बकौल सीएम, “उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि वह ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा बनवाएंगे। बंगाल के पास मूर्ति बनवाने के लिए पैसे हैं। क्या वह 200 साल पुरानी विरासत लौटा पाएंगे? हमारे पास सबूत है और आप कहते हैं कि टीएमसी ने ये सब किया है। आपको शर्म नहीं आती? इतना झूठ बोलने के लिए उन्हें उठक-बैठक लगानी चाहिए। आप अपने आरोपों को साबित करें, वरना मैं जेल भिजवा दूंगी।”

बंगाल सीएम के मुताबिक, “बीजेपी लोगों को भड़का कर दंगे कराने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो डाल रही है। बीजेपी ने बंगाल में 200 साल पुरानी विरासत नष्ट की, जो लोग पार्टी का समर्थन कर रहे हैं उन्हें समाज स्वीकार नहीं करेगा। प्रतिमाएं तोड़ना बीजेपी की आदतों में शामिल है, क्योंकि इस पार्टी ने त्रिपुरा में भी ऐसा ही किया था।

दीदी ने समर्थन करने वाले नेताओं का अदा किया शुक्रियाः ममता बनर्जी ने राज्य में चुनाव प्रचार की अवधि कम करने के ईसी के फैसले का विरोध करने के मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ आने के लिए उनका धन्यवाद दिया। सीएम ने ट्वीट किया, “हमारे तथा बंगाल की जनता के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए मायावती, अखिलेश यादव, कांग्रेस, एन चंद्रबाबू नायडू तथा अन्य का शुक्रिया एवं आभार। भाजपा के निर्देश पर चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण रवैया लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जनता मुहतोड़ जवाब देगी।”