नई दिल्ली: चुनाव प्रचार के दौरान राजनेताओं के अलग अलग रंग दिखाई देते हैं। सत्ता पक्ष से जुड़े हुए नेता हों या विपक्ष से जुड़े नेता मतदाताओं के दिलों में उतरने के लिए भाषणों के साथ साथ लोगों से सीधे सीधे कनेक्ट होने की कोशिश करते हैं। आपको याद होगा कि मथुरा में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की उम्मीदवार किस तरह से खेतों में जाकर गेहूं की फसल काटती नजर आईं या हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रतलाम में बैरिकेड से कूद कर आम लोगों के बीच पहुंच गईं। इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लुधियाना में ट्रैक्टर चलाते नजर आए।

लुधियाना में प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष किसान की भूमिका में नजर आए। उन्होंने ट्रैक्टर की स्टीयरिंग थामी और अपने आपको किसानों से जोड़ने की कोशिश की। ट्रैक्टर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह और लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू भी सवार थे। उनके अलावा कांग्रेस नेता आशा कुमारी भी मौजूद थीं।

सवाल ये है कि राहुल गांधी का ये अवतार मतदाताओं को किस हद तक लुभाने में कामयाब होगा ये देखने वाली बात होगी। लेकिन उन्होंने ट्रैक्टर की स्टीयरिंग थाम कर ये संदेश देने कोशिश कि वो किसानों के दर्द को समझते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताने की भी कोशिश की सत्ता पक्ष यानी मोदी सरकार चाहे जितना आरोप लगाए कांग्रेस पार्टी आम लोगों से जुड़ी हुई है। बता दें कि हाल ही में उनके राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा द्वारा 1984 सिख दंगा के संबंध में वो अपनी आपत्ति दर्ज कराने के साथ उनसे माफी मांगने को कहा था। जानकारों का कहना है कि सैम पित्रोदा का बयान पंजाब में कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। लिहाजा वो अपने आपको पंजाब में आम लोगों से जुड़ने की संदेश देने की कोशिश कर रहे थे।