CJI को क्लीन चिट के खिलाफ SC के बाहर विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद कुछ एक्टिविस्ट और वकील सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट के इन हाउस पैनल ने सोमवार को ही क्लीन चिट दी है. प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 महिलाओं को हिरासत में लिया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की.
इससे पहले जस्टिस एसए बोबडे की अगुआई में हुई पूछताछ में रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. सोमवार को न्यायमूर्ति एसए बोबडे के नेतृत्व वाले पैनल ने कहा कि जांच की रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश और शीर्ष अदालत के वरिष्ठ न्यायाधीश को सौंपी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि जैसा कि यह एक अनौपचारिक जांच थी इसलिए यह सार्वजनिक किए जाने योग्य नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा, इन-हाउस जांच कमेटी ने 19 अप्रैल को की गई सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत में लगाए गए आरोपों में कोई सार नहीं पाया है. इस पैनल में जस्टिस बोबडे के अलावा जस्टिस इंदिरा बनर्जी और इंदु मल्होत्रा भी शामिल थी.
इससे पहले बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (BCI) ने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों से मिली क्लीन चिट का समर्थन किया है. बार काउंसिल ने साफ़ कहा है कि सीजेआई के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला 'सामान्य' नहीं है. करीब से देखने पर पूरे मामले में 'कुछ गड़बड़' नज़र आ रही है.
बार काउंसिल ने सीजेआई को सुप्रीम कोर्ट के इन हाउस पैनल से क्लीन चिट मिलने के बाद कहा कि अगर इस पूरे मामले को करीब से देखा जाए, तो इसमें गड़बड़ नज़र आती है. बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा के नाम से जारी बयान में कहा गया है कि भारत का आम आदमी बेफकूफ नहीं है. लोगों को इस बात का यकीन है कि सीजेआई पर आरोप लगाने वाली महिला के पीछे किसी शक्तिशाली व्यक्ति का हाथ है, महिला को सामान्य नहीं माना जा सकता.