ओपी राजभर का योगी आदित्यनाथ सरकार से इस्तीफा
नई दिल्ली: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 13 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था। राजभर ने कहा, '13 की रात को राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था; जब उन्होंने (भाजपा) कहा कि आप हमारे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ें, तो मैंने उनसे कहा कि हम अपने चिन्ह पर लड़ेंगे और हम 1 सीट पर लड़ेंगे। लेकिन वे इसके लिए सहमत नहीं थे। इस्तीफा स्वीकार नहीं किया; चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है।'
राजभर ने इससे पहले फरवरी के महीने में भी मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब योगी आदित्यनाथ ने उसे स्वीकार नहीं किया था। तब उन्होंने कहा था, ' जब उन्हें अपने ही विभाग से जुड़े पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में अपने पसंदीदा लोगों को रखने का अधिकार नहीं है तो विभागीय मंत्री होने का क्या औचित्य है।'
राजभर कई मौकों पर योगी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। वो अक्सर बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरते रहते हैं। राजभर ने पहले कहा था कि मैं राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के काबिल पाता हूं। अंतिम फैसला लोगों के हाथ में है और वे तय करेंगे कि भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवार भी उतारे हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था, 'जब पिछड़ो ने साथ छोड़ा तो प्रधानमंत्री जी अति पिछड़ी जाति का बताने लगे लेकिन जब मैं इन अति पिछड़ों के अधिकार के बारे में बोलता था की आजादी के बाद से अति पिछड़ा समाज अपने अधिकार से वंचित रहा है, 27% आरक्षण इन अतिपिछड़ों को नही मिल रहा है, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए हमने बोला जो फाइल यूपी सरकार के पास पड़ी है, लागू होने से इनके बेटा बेटी विकास के रास्ते पर आ जाते लेकिन यह बाते याद नहीं आयी। आज अति पिछड़ों के सहारे अपना बेड़ा पार करना चाहते है। अब अति पिछड़ा जाग चुका है। अब धोखा नही खाएगा, कितना भी आप आंसू बहा लें हिस्सा नहीं तो वोट नही।'