Tata ने भाजपा को कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा दिया चंदा !
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े कारोबारी ग्रुप में शुमार टाटा ग्रुप ने अपने चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को मौजूदा लोकसभा चुनावों के लिए करीब 500-600 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। उल्लेखनीय है कि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में टाटा ग्रुप ने अपने चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को करीब 25 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। इस तरह मौजूदा लोकसभा चुनावों में टाटा ग्रुप ने चुनावी चंदे में 20 गुना की भारी भरकम बढ़ोत्तरी की है। बता दें कि टाटा ग्रुप अपने ट्रस्ट ‘प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट’ के माध्यम से राजनैतिक पार्टियों को चंदे देता है।
मौजूदा लोकसभा चुनाव में जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके तहत टाटा ग्रुप ने सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी भाजपा को दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ग्रुप द्वारा दिए गए कुल चंदे में से 300-350 करोड़ रुपए का सबसे बड़ा हिस्सा अकेले भाजपा को मिला है। वहीं 50 करोड़ रुपए कांग्रेस के हिस्से में आए हैं। बाकी बचे हिस्से में टीएमसी, कम्यूनिस्ट पार्टी समेत अन्य पार्टियों को चंदा मिला है। टाटा ग्रुप की सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस ने इस चंदे में सबसे ज्यादा 220 करोड़ रुपए दिए हैं।
टाटा ग्रुप द्वारा अपने प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट की शुरुआत साल 2013 में की गई थी। भारत में इलेक्टोरल ट्रस्ट कंपनी एक्ट की धारा 8 के तहत रजिस्टर्ड और गैर लाभकारी ट्रस्ट होते हैं। साथ ही कॉरपोरेट सेक्टर इन इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से टैक्स में भी छूट प्राप्त करते हैं। साल 2013 से साल 2016 तक टाटा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों ने प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को चंदा दिया है। टाटा ग्रुप के अलावा भारती ग्रुप का प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और डीएलएफ भी विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को बड़ी मात्रा में चंदा देते हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017-18 में भारतीय जनता पार्टी को अन्य राजनैतिक पार्टियों की तुलना में 12 गुना ज्यादा चंदा मिला है।