नई दिल्ली : मद्रास हाई कोर्ट की मदुरई बेंच से पुडुच्चेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर किरन बेदी को झटका लगा है। मदुरई बेंच ने मंगलवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर को गृह मंत्रालय से मिले दो निर्देशों को खारिज कर दिया। एमएचए के इन निर्देशों के तहत किरन बेदी को पुड्डुचेरी सरकार के कामकाज में दखल देने एवं सरकार से जुड़ी फाइलें देखने का अधिकार मिला था। कांग्रेस विधायक लक्ष्मी नारायणन ने इन निर्देशों के खिलाफ कोर्ट में गुहार लगाई थी।

विधायक नारायणन ने मद्रास हाई कोर्ट से कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर एक चुनी हुई सरकार की तरह काम कर रही हैं जो कि जरूरत से ज्यादा प्रशासनिक दखल है। इससे पहले सुनवाई के दौरान लेफ्टिनेंट गवर्नर किरन बेदी की ओर से पेश वकील ने अपने जवाब में दलील दी कि गृह मंत्रालय ने लेफ्टिनेंट गवर्नर को विशेष निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासनिक अधिकारी होता है और उसे एक राज्य के राज्यपाल से अधिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। किरन बेदी के वकील ने कोर्ट से विधायक की अर्जी खारिज करने की अपील की। कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महादेवन ने एमएचए की तरफ से 2017 में लेफ्टिनेंट गवर्नर को मिले सभी विशेष निर्देशों को खारिज कर दिया।

विधायक ने अपनी अर्जी में कहा था कि इन निर्देशों के तहत लेफ्टिनेंट गवर्नर सरकार के दैनिक कार्यों ेमें हस्तक्षेप करती हैं जिससे एक चुनी गई सरकार को अपना काम करने में मुश्किले आती हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने किरन बेदी को 2016 में पुड्डुचेरी का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनाया था। तब से लेकर अब तक वहां की सरकार और किरन बेदी के बीच अधिकारों के टकराव की बात कई बार सामने आ चुकी है।