वायनाड: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को वायनाड संसदीय क्षेत्र में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह झूठे वादे नहीं करना चाहते लेकिन उनके मन की बात सुनने के बाद उनके मसले सुलझाने को पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह यहां अपने ''मन की बात कहने नहीं आए हैं बल्कि लोग यहां जो समस्याएं झेल रहे हैं जैसे कि रात में यात्रा पर प्रतिबंध, मानव-पशु संघर्ष और चिकित्सा सुविधाओं में अभाव आदि को समझने आए हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने वहां मौजूद हजारों की भीड़ को कहा, '' मैं प्रधानमंत्री की तरह नहीं हूं…मैं यहां यह कहने नहीं आया कि मैं आपको दो करोड़ नौकरियां दूंगा.आपके खाते में 15 लाख रुपए आएंगे। मैं किसानों को जो कुछ चाहिए वे सब दूंगा। मैं झूठ नहीं बोलूंगा. क्योंकि मैं आपकी समझदारी एवं बुद्धिमानी का सम्मान करता हूं।

उन्होंने कहा, '' मैं केवल कुछ महीनों का रिश्ता नहीं चाहता। मैं जिंदगीभर का साथ चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि वायनाड की बहनें कहें कि मैं उनके भाई जैसा हूं, माता-पिता कहें कि मैं उनका बेटा हूं।'' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह वायनाड का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं क्योंकि यह एक ''खूबसूरत स्थान है जो विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का प्रतीक है और बाकी देश भी केरल और वायनाड से काफी कुछ सीख सकता है।

उन्होंने कहा, '' मैंने जब दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, तो मुझे लगा कि वायनाड एक सुंदर जगह है, क्योंकि यह विभिन्न विचारों, संस्कृतियों का नेतृत्व करता है।'' उन्होंने कहा, '' केरल शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का उदाहरण है। केरल और वायनाड से बाकी देश काफी कुछ सीख सकता है।''

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का निर्णय इसलिए किया, क्योंकि वह यह रेखांकित करना चाहते हैं कि दक्षिण भी उतना ही ''महत्वपूर्ण है जैसे देश के बाकी हिस्से।''