लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव में यह बात सामने आई थी कि कांग्रेस के लगभग आधा दर्जन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह मामला सामने आने के बाद पार्टी के भीतर ही गोपनीय तरीके से जांच कराई गई, जिसमें यह बात समाने आई है कि लगभग एक दर्जन विधायकों ने चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। इस रिपोर्ट के बाद अब आलाकमान ने धोखेबाज विधायकों को राडार पर ले लिया है।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के भीतर यह सहमति बनी है कि इन विधायकों की घेराबंदी कर चुनाव में सबक सिखाया जाए। उप्र में मई में हुए राज्यसभा और एमएलसी सदस्य के चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों का क्रॉस वोटिंग करने का मामला सामने आया था।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्यसभा व विधान परिषद चुनाव के बाद यह बातें सामने आईं थीं कि तीन मुस्लिम विधायकों बुलंदशहर जिले के स्याना से दिलनवाज खां, अमेठी की तितोही से मोहम्मद मुस्लिम, रामपुर के स्वार से नवाब काजिम अली के बसपा और तीन गैर-मुस्लिम विधायक कुशीनगर के खड्डा से विजय दूबे, बस्ती के रधौली से संजय जायसवाल, बहादुरगढ़ के नानपारा से माधुरी वर्मा ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया था।
वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस की गोपनीय जांच में पार्टी के खिलाफ वोट करने वाले विधायकों की तादाद 11 सामने आ रही है। पार्टी सूत्र ने बताया कि बाकी पांच विधायकों के खिलाफ भी हाईकमान जल्द कार्रवाई करेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिन छह विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने के आरोप में पार्टी से निकाला गया है उनके बारे में इसलिए खुलासा हो गया कि उन्होंने विधान परिषद और राज्यसभा सदस्य दोनों के लिए पार्टी के खिलाफ वोट किया।
सूत्रों के मुताबिक, पांच विधायकों ने सिर्फ विधान परिषद सदस्य के लिए वोट किया। राज्यसभा के वोट देने पर खुलासा हो जाता है कि किस विधायक ने किस प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग की। जबकि विधान परिषद सदस्य के लिए वोटिंग गोपनीय रहती है। उसमें किसने किसको वोट दिया पता ही नहीं चल पाता।
पार्टी के नेताओं की मानें, तो इस गोपनीयता का फायदा ही कांग्रेस के बाकी पांच विधायकों ने उठाया। यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद इन विधायकों की घेराबंदी में जुटे हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने बताया कि चुनाव के बाद यह बात सामने आई थी कि कुछ विधायकों ने राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग की है। इसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई भी की। लेकिन जहां तक बात है विधान परिषद में कुछ और विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की तो पार्टी के भीतर इसकी जांच चल रही है, जो भी इसमें पकड़ा जाएगा उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।