केन्द्र सरकार चाहती तो हट जाती घाटी से 35-ए: राकेश मुदगल
भाजपा के संकल्प पत्र में 370 व 35-ए के जिक्र पर उठाये सवाल
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आज यहां जारी हुये भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में धारा-370 और 35-ए के बारे में जिक्र कर देश की जनता को दिग्भ्रमित कर रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता और उधमपुर संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरे राकेश मुदगल ने साफ शब्दों में कहा है कि कष्मीर से 370 और 35-ए को हटाने को लेकर भाजपा की मंषा साफ नहीं है, और एक बार फिर इस इस ज्वलंत मामले में देश के सामने में झूठ बोल रही है, यदि केन्द्र सरकार 35-ए को हटाने के पक्षधर होती तो उसने पिछले लगभग पांच वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में चल रहे वाद में लिखित जवाब क्यों दाखिल नहीं किया, और मौखिक रूप से कोर्ट में सरकार की ओर पक्ष रखते रहे है कि 35-ए कानूनी मामला है इसलिये कोर्ट अपने स्तर से देखे। धारा 370 और 35ए का सच घाटी के समक्ष रखने के उद्देष्य से उधमपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे दिल्ली के अधिवक्ता राकेश मुदगल ने कहा कि संसद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कह चुके है कि धारा-370 को छेड़ा नहीं जा सकता, तो किस आधार पर इसके समाधान होने की बात कर रहे है। श्री मुदगल ने बताया कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीष दीपक मिश्रा की कोर्ट में 35ए के मामला निर्णय के करीब पहुंच चुका था लेकिन घाटी में पंचायत चुनाव की आड़ में वहां की तत्कालीन महबूबा सरकार के मामले को आगे बढ़ाने की रखी गयी बात का मौजूदा केन्द्र सरकार ने भी समर्थन किया था, यदि केन्द्र उस समय महबूबा सरकार की रखी गयी बात का समर्थन न किया गया होता तो षायद आज घाटी असंवैधानिक 35-ए से मुक्त हो चुकी होती।