नई दिल्ली: लोकसभा और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव 2019 के पहले चरण की वोटिंग में लगभग एक हफ्ते से ज्यादा का समय शेष है। चार राज्यों ,आंध्र प्रदेश , अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधान सभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में शराब और नकदी तथा अन्य प्रतिबंधित चीजें की जब्ती 1,582 करोड़ रुपए के पार पहुंच गई है। यह रकम पिछले साल चुनाव में बरामद की गई रकम से पांच गुणा ज्यादा है। 2014 में चुनाव के दौरान 303 करोड़ की समाग्री और कैश जब्त किए गए थे जबिक इस बार यह आंकड़े काफी ज्यादा है।इस साल सिर्फ नगदी की जब्ती ही 377 करोड़ हुई है। इसके साथ ही नोटबंदी की सफलता को लेकर किए गए दावों की हवा भी निकल गई है।

नोटबंदी से काला धन और भ्राष्टाचार खत्म करने का दावा किया गया था लेकिन नतीजे कुछ और ही हैं। अंतिम चरण का चुनाव 9 मई को होना है और अभी इसमें 6 सप्ताह का समय है। 2019 का साल आदर्श चुनाव आचार संहिता के लिहाज से सबसे बुरा साल रहा है। चुनाव आयोग अपने वेबसाइट पर शाम 6 बजे इन घटनाक्रमों के बारे में जानकारी देता है। 3 अप्रैल तक 18 ऐसे मामलों की शिकायत आ चुकी है और मामले की जांच की जा रही है और कई ऐसे मामले हैं जो चुनाव आयोग के संज्ञान में नहीं हैं।

सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने आदर्श चुनाव आचार संहिता को लेकर कई सारे सवाल किए गए हैं। इसके आलावा लोगों ने कई पार्टियों को पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया है। इसके अलावा पीएम मोदी को लेकर भी लोगों ने सवाल किया। उनका कहना है कि बीजेपी आचार सहिंता का उल्लंघन सबसे ज्यादा कर रही है। विपक्ष का भी कहना है कि बीजेपी बालाकोट एयर स्ट्राइक और और पुलवामा शहीदों की तस्वीरों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। बोर्डिंग पास , रेलवे के चाय वाले कप पर पीएम मोदी का नाम और मैसेज भी इस बात का सबूत है।

विपक्ष का कहना है कि बीजेपी द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के साक्ष्यों की कमी नहीं है। चुनाव से पहले नमो टीवी का ऐप लॉन्च करना और पीएम मोदी की बायोपिक रिलीज करना यही साबित करता है कि बीजेपी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है । गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 10 मार्च को देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था। इस बार देश में सात चरण में चुनाव होगा। 11 अप्रैल से शुरू होकर चुनाव 19 मई कोइस खत्म होगा और 23 मई को चुनाव के परिणाम आएंगे।