प.बंगाल में ममता फेरेंगी अमित शाह के मंसूबों पर पानी
नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में 7 चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक चुनाव करवाने की घोषणा की है। सभी पार्टियां राजनीतिक जोड़-घटाव में जुट गई है। वहीं, न्यूज चैनलों द्वारा जनता के मिजाज को भांपने की कोशिश जा रही है। इसमें यह पता चला कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मंसूबों पर पानी फिर सकता है। सर्वे के अनुसार, भजापा अपने लक्ष्य से 15 सीटें दूर है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहाां 23 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है और पार्टी मात्र 8 सीटें जीत सकती है। हालांकि, यह यदि ऐसा होता है तो पिछली बार के मुकाबले भाजपा को 6 सीटों का फायदा होगा। वहीं, ममता बनर्जी का जादू बरकरार रहने की संभावना है।
एबीपी न्यूज के लिए नीलसन ने पश्चिम बंगाल का सर्वे किया है। इस सर्वे के दौरान 10 हजार 612 लोगों से उनकी राय मांगी गई। सर्वे का आयोजन 15 से 22 मार्च तक पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर किया गया। सर्वे के अनुसार, कोलाकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, हावड़ा, उलबेरिया, डायमंड हार्बर, जाधवपुर, दमदम, मालदा उत्तर, झारग्राम, पुरुलिया, बांकुरा, बीरभूम, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, मुर्शिदाबाद, राणाघाट, बारासात, बसीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, श्रीरामपुर, हुगली, आरामबाग, तमलुक, काथी, घाटलख, मेदिनीपुर, विष्णुपुर, बर्धमान पूर्व, दुर्गापुर और बोलपुर सीट पर टीएमसी चुनाव जीत सकती है।
भाजपा दार्जिलिंग, आसनसोल, अलीपुरद्वार, रायगंज, बेलुरघाट, कृष्णाघाट, बनगांव और बैरकपुर सीट पर जीत हासिल कर सकती है। वहीं, कांग्रेस के खाते में जंगीपुर, मालदा दक्षिण और बहरामपुर सीट जा सकती है।
बता दें कि 2014 के चुनाव में 34 सीटें ममता बनर्जी ने जीती थी। एनडीए के खाते में 4 सीट गई थी। वहीं, भाजपा को सिर्फ 2 सीट से ही संतोष करना पड़ा था। इस तरह देखें तो भाजपा को इस बार 6 सीटों का फायदा होते दिख रहा है और उसके प्रत्याशी 8 सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस को तीन सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। कांग्रेस को भी एक सीट का नुकसान होता दिख रहा है।
लोकसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य में तृणमूल सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की तुलना करते हुए ‘प्रधानमंत्री हिसाब दो’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत वेब सीरीज की पहली श्रृंखला में एक लघु फिल्म है। इसमें बंगाल सरकार के सबूज साथी और केंद्र सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की तुलना की गयी है।
पश्चिम बंगाल के सबूज साथी कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ से 12 वीं तक की छात्राओं को साइकिल दी जाती है। वीडियो में दो लड़कियों को दिखाया गया है। एक लड़की हरियाणा के रेवाड़ी की होती है, दूसरी लड़की पश्चिम बंगाल के हुगली जिले की होती है।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र से भाजपा सरकार को हटाने का आह्नवा किया है, वहीं भाजपा ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में 23 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।