नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के दलित मतदाताओं में गहरी पैठ रखने वाली भीम सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी शुरू कर दी है. भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद 'रावण' ने घोषणा की है कि बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ यदि विपक्ष कोई सशक्त उम्मीदवार देने में कामयाब नहीं हुआ तो भीम सेना अपना उम्मीदवार उतारेगी.

'रावण' ने दो टूक कहा कि लोकसभा चुनाव में उसका मकसद नरेंद्र मोदी और स्मृति ईरानी को पराजित करना है. क्योंकि मोदी ने देश की संस्थाओं को तोड़-मरोड़कर गंभीर संकट पैदा किया है और देश गंभीर दौर से गुजर रहा है वहीं स्मृति ईरानी ने रोहित बेमुला के मामले में जो रुख अपनाया उससे भीम सेना ना केवल दु:खी है बल्कि उत्तेजित भी है.

'रावण' ने संकेत दिए कि अमेठी में यदि स्मृति ईरानी चुनाव मैदान में उतरती है तो भीम सेना राहुल के समर्थन में उतरेगी. सपा-बसपा गठबंधन को पूर्व में भीम सेना का समर्थन देने की घोषणा कर चुके 'रावण' ने अपना रुख बदलते हुए कहा कि अब यह समर्थन शर्तों के साथ होगा. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले यह साफ करें कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने संसद में मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाए जाने की जो वकालत की थी उस पर अखिलेश की राय क्या है. साथ ही अनुसूचित जाति आरक्षण मामले में संसद में सपा के विरोध पर भी अखिलेश को अपना रुख साफ करना होगा.

चुनाव से ठीक पहले भीम सेना 11 मार्च से उत्तर प्रदेश में मोर्चा निकालने की तैयारी कर रही है. जो उत्तरप्रदेश से शुरू होकर 15 मार्च को दिल्ली में समाप्त होगा और लोगों को बताएगा कि देशभर में भीम सेना की कितनी ताकत है.