भारतीय फौज के नाम पर मोदी कर रहे हैं राजनीति: राहुल
नई दिल्ली: 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद सामान्य जनमानस की यही पुकार है कि अब नहीं तो कभी नहीं। देश के अलग अलग हिस्सों से आवाज उठी कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी मे साफ कर दिया कि उन्होंने बड़ी गलती कर दी है और उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 12 दिन बाद यानि 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पीओके और बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। लेकिन भारत में कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से सबूत मांगा गया। इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि भारतीय वीर सपूतों के नाम पर वो अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हुए हैं। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जब तक जवान शहीद हो रहे हैं वो राजनीति की बात नहीं करेंगे। लेकिन पीएम मोदी क्या कर रहे हैं, पुलवामा हमले के बाद वो कांग्रेस को दोष देने लगे। वार मेमोरियल के उद्घाटन के मौके पर भी उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। यही नहीं वो पांच मिनट के लिए भी अपनी पब्लिसिटी करने में नहीं रुके।धुले में राहुल गांधी ने कहा कि पीएम अपनी सभाओं में कहते हैं कि मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, दाए देखो इंडिया, उपर देखो इंडिया हो रहा है।
आइए अब जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था। तमिलनाडु में चुनावी सभा के दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि कुछ दल ऐसे हैं जो उनका विरोध और नफरत करते हुए भारत के साथ नफरत करना शुरू कर दिया। इसमें दो मत नहीं कि जब देश अपनी सेना के साथ खड़ा है तो कुछ लोगों को सेना की कार्यकुशलता पर संदेह होता है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के मुल्क भारत का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक दलों को आतंक के खिलाफ लड़ाई को लेकर संदेह है।
कन्याकुमारी में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुंबई हमलों के बाद जनमानस में यह भावना प्रबल थी कि तत्कालीन सरकार पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता कार्रवाई करेगी। लेकिन आतंकियों के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। लेकिन आपने देखा होगा कि उरी और पुलवामा में जब देश के वीर सपूतों की शहादत हुई सरकार ने माकूल जवाब दिया। वो उन वीर सपूतों को सलाम करते हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं।
ये वही लोग है जिनके बयानों से पाकिस्तान को मदद मिल रहा है और उन बयानों की वजह से भारत का नुकसान हो रहा है। ये वही लोग हैं जो पाकिस्तान के संसद में दिए गए बयानों के साथ साथ रेडियो पाकिस्तान को कोट करते हैं। वो उन लोगों से पूछना चाहते हैं कि क्या वो देश की सेनाओं पर गर्व करते हैं या देश की सेनाओं पर संदेह करते हैं।