नई दिल्ली: अनुज शर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। पश्चिम बंगाल में सीबीआई बनाम ममता बनर्जी मामले के जिस तरीके से राजीव कुमार ममता बनर्जी के पक्ष में खुलकर सामने आये थे उससे कयास लगाए जा रहे थे कि उनका तबादला हो सकता है।

निवर्तमान पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को क्रिमिनल इंनवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट यानी (CID) में एडीजी एंड आईजीपी बनाया गया है।

गौरतलब है कि राजीव कुमार सारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई की पूछताछ के केंद्र में थे और इसको लेकर बहुत ज्यादा कंट्रोवर्सी हुई थी।

अनुज शर्मा 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी है और 2015 में आईजी (लॉ एण्ड ऑर्डर) के पद से एडीजी के पद पर प्रमोट हुए थे।बताया जाता है कि पिछले साल दार्जलिंग में हुए गोरखा आंदोलन में उनकी भूमिका बेहद सराहनीय रही थी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की तरफ से पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ अवमानना का केस दर्ज है। इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार और पश्चिम बंगाल पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से बिना किसी शर्त माफी मांगी थी। सरकार और पुलिस की तरफ से हलफनामे में बताया गया है कि सरकार और पुलिस ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट की तौहीन नहीं की थी।

शिलांग: कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से CBI ने घंटो तक की पूछताछ

पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी मलय कुमार डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग हलफनामा दायर किया गया है। बता दें कि सीबीआई ने शारदा चिट फंड और सीबीआई की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे।

अदालत के सेक्रेटरी जनरल इन हलफनामों की मंगलवार को जांच करेंगे और फैसला करेंगे कि क्या संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में मौजूद रहने के लिए कहा जाए या नहीं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई के इन आरोपों को गलत बताया कि शारदा चिट फंड जांच में पुलिस या सरकार की तरफ से किसी तरह की बाधा पहुंचाई गई। सरकार का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी यानि सीबीआई 3 फरवरी को कोलकाता पुलिस कमिश्नर के आवास में जबरदस्ती घुसी।

तीन फरवरी की घटना का जिक्र करते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि सीबीआई की तरफ से बिना किसी जबरदस्ती उनके आवास में घुसने की कोशिश की गई। इसके साथ ही राजीव कुमार अपने हलफनामे में कहते हैं कि पुलिस का कोई भी अधिकारी धरना मंच पर नहीं गया था।

इस मुद्दे पर डीजीपी और राजीव कुमार अपने हलफनामे में कहते हैं कि पुलिस का कोई भी अधिकारी वर्दी में सरकार के जलसे में नहीं शामिल हुआ था। इसके साथ ही कुमार कहते हैं कि ये बड़े आश्चर्य की बात है कि जब सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव का सीबीआई ऑफिस में अंतिम दिन था तो उनकी तरफ से इतना बड़ा फैसला किया गया।