शिवपाल ने मिलने का माँगा समय, प्रियंका बोलीं व्यस्त हूँ
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सियासत में लोकसभा चुनाव से पहले अभी कई ट्विस्ट आने बाकी हैं. यूपी में गठबंधन की राजनीति अपने चरम पर है और अब खबर है कि कांग्रेस से हाथ मिलाने की कोशिश में शिवपाल सिंह यादव जुट गए हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक और प्रमुख शिवपाल यादव ने प्रियंका गांधी को फोन किया है और उनसे मिलने का समय मांगा है. हालांकि, प्रियंका ने फोन पर शिवपाल यादव से स्पष्ट कह दिया है कि अभी उनके पास समय नहीं है. 2-3 दिन बाद ही वह उनसे मिल पाएंगी. प्रियंका ने शिवपाल से कहा है कि फिलहाल वह व्यस्त हैं.
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी से शिवपाल यादव गठबंधन को लेकर बातचीत करना चाहते हैं. ऐसी खबर है कि शिवपाल यादव कांग्रेस से 20 सीटों पर तालमेल करना चाहते हैं. हालांकि, प्रियंका गांधी ने तुरंत मिलने से इनकार कर दिया है और उन्होंने समय न होने का हवाला दिया है. मगर उन्होंने कहा है कि वह दो-तीन दिन बाद उनसे मिल सकती हैं.
बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह चाबी आवंटित कर दिया है. इससे पहले भी शिवपाल कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की मंशा जता चुके हैं. हालांकि कांग्रेस से अभी खुलकर उन्हें संकेत नहीं मिला है. सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन के बाद से ही शिवपाल कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिशों में जुटे हैं.
शिवपाल इससे पहले कह चुके हैं कि कांग्रेस भी एक सेक्युलर पार्टी है और अगर वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए हमसे संपर्क करती है तो हम उसका समर्थन करेंगे. कई बार शिवपाल यह भी बोल चुके हैं कि "हमारे बिना कोई भी गठबंधन बीजेपी को हरा नहीं सकता है." बता दें कि अखिलेश यादव के साथ मनमुटाव के बाद शिवपाल यादव ने अपनी एक अलग पार्टी बनाई थी.
दरअसल, यूपी की सियासत में सबसे बड़ा ट्विस्ट उस वक्त आया था, जब जनवरी में एसपी-बीएसपी ने औपचारिक ऐलान किया कि दोनों पार्टियां यूपी की 38-38 लोकसभा सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगी. अखिलेश और मायावती ने बसपा-सपा गठबंधन से कांग्रेस को अलग रखकर सबको चौंंका दिया था. इसके बाद ही राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को राजनीति में उतारने का फैसला किया और उन्हें महासचिव बनाया. बता दें कि प्रियंका को कांग्रेस ने पूर्वी यूपी की कमान दी है और यूपी में सारा दारोमदार प्रियंका गांधी के ऊपर ही है.