लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने से रोकने को लेकर हुए बवाल के बाद प्रशासन ने इस मामले में 296 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से 46 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से दो सांसद हैं।

अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने के बाद मंगलवार को सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए थे। सपा समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया था, जिसके बाद प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान बदायूं से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव भी चोटिल हुए, वहीं कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि इस बवाल के दौरान एक पुलिस अधिकारी की वर्दी में आग भी लग गई, जिसे मुश्किल से बुझाया जा सका।

सपा अध्‍यक्ष मंगलवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्‍सा लेने के लिए प्रयागराज जा रहे थे। लेकिन उन्‍हें लखनऊ के अमौसी हवाईअड्डे पर रोक दिया गया। सपा ने अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने के लिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ की सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है, वहीं सीएम ने इस पर प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अखिलेश के दौरे से वहां दो छात्र गुटों के बीच झड़प की आशंका को देखते हुए सरकार से मदद मांगी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

सपा नेताओं ने हालांकि यह दावा किया कि अखिलेश को अनुमति के बावजूद प्रयागराज जाने से रोका गया, लेकिन बाद में यूनिवर्सिटी के रजिस्‍ट्रार का एक पत्र सामने आया, जिसमें उन्‍होंने कहा कि नेताओं को यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने की अनुमति नहीं है। बाद में अखिलेश ने यह आरोप भी लगाया कि शपथ ग्रहण से ठीक पहले मंच के पास तीन बम धमाके हुए, लेकिन इस मामले में न तो सरकार और न ही प्रशासन की तरफ से कार्रवाई की गई।