सस्ते ईंधन के लिये अनुसंधान एवं नवाचार की आवश्यकता है: राम नाईक
लखनऊः केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभाग द्वारा आज ग्रेटर नोएडा में ‘पेट्रोटेक 2019’ का समापन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, 70 देशों से 7,000 प्रतिनिधिगण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विभाग और तेल कंपनियों के अधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल राम नाईक एवं केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस अवसर पर पेट्रोलियम क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार एवं उत्कृष्ट कार्य करने हेतु अनेक महानुभावों एवं संस्थाओं को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड एवं स्पेशल टेक्निकल अवार्ड से सम्मानित किया। पेट्रोलियम विभाग का यह 13वां आयोजन था।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि देश के निरन्तर विकास के लिये सुलभ एवं सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। सस्ते ईंधन के लिये अनुसंधान एवं नवाचार की आवश्यकता है। पर्यावरणानुकूल ऊर्जा आज की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से मई 2016 में उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद से ‘प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’ की शुरूआत की जिसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को धुएं से होने वाले रोगों से बचाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत दिसम्बर 2018 तक पूरे देश में 6 करोड़ तथा उत्तर प्रदेश में 90.8 लाख घरों में एल0पी0जी0 कनेक्शन दिये गये हैं।
श्री नाईक ने कहा कि देश के किसानों को उर्वरक एवं यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थापित उर्वरक कारखानों को ‘प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाईपलाइन योजना’ के अंतर्गत सहायता प्रदान कर फिर से चालू किया जा रहा है। गैस मूल्य निर्धारण तथा ‘गैस टेªडिंग हब’ की स्थापना में प्रतिस्पर्धा के माध्यम से पारदर्शिता लायी जा रही है और पाइप लाइन की दरों की समीक्षा की जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के पांच जनपदों सीतापुर, हापुड़, मेरठ, बरेली और मुजफ्फरनगर में जैव ईंधन के संयंत्रों की स्थापना के लिये रूपये 1,700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इन परियोजनाओं से नवीनीकृत एवं जैव ईंधन ऊर्जा के विकास को गति मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि 1962 में पेट्रोलियम विभाग की स्थापना होने से प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार तक उन्होंने अकेले ऐसे पेट्रोलियम मंत्री होने का कीर्तिमान बनाया जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। राज्यपाल ने कहा कि उनके बाद श्री धर्मेन्द्र प्रधान दूसरे पेट्रोलियम मंत्री होंगे जो 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। राज्यपाल ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए उन्होंने इराक, रूस के स्खालीन व अन्य स्थानों में निवेश करके पेट्रोलियम विभाग को आगे बढ़ाने का काम किया तथा पेट्रोल में इथनाॅल मिश्रण की योजना शुरू की जिससे किसानों को शीरा बेचने का भी लाभ मिला।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विदेशों से आये प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऊर्जा के सहयोग के लिये सभी देश एकजुट होकर सहयोग करें। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिये सम्मेलन से प्राप्त सुझावों पर मिलकर काम करने की अपेक्षा की। श्री प्रधान ने कहा कि राज्यपाल श्री राम नाईक उनके वरिष्ठ हैं और पूर्व में पेट्रोलियम विभाग का काम सफलतापूर्वक देख चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव का लाभ विभाग को बराबर मिलता रहा है।