नई दिल्ली: राम मंदिर का मुद्दा देश की सुप्रीम अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट में है। इस मुद्दे पर 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी। लेकिन जस्टिस एस ए बोबड़े के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टल गई। इस बीच केंद्र सरकार ने अदालत में अर्जी दायर कर गैरविवादित 2.67 एकड़ भूमि को हिंदू पक्षकारों खासतौर से राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने की अपील की है। सरकार के इस कदम पर विपक्षी दल आगबबूला हो गए। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार अदालत की तौहीन कर रही है। लेकिन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सरकार का पक्ष रखा और कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई।

प्रकाश जावडेकर ने कहा कि सच क्या है, कौन लोग अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में रोड़ा अटका रहे हैं, देश की जनता देख रही है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से हमेशा इस मुद्दे पर अड़चन पैदा की गई। सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने बहस करते हुए कहा था कि इस मामले की सुनवाई जुलाई 2019 के बाद हो। ये अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि कांग्रेस पार्टी को भगवान राम में आस्था नहीं है। आप को याद होगा की रामसेतु के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा था कि वो सेतु काल्पनिक है।

प्रकाश जावडेकर ने कहा कि राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी का मत स्पष्ट रहा है। बीजेपी का साफ मानना है कि मंदिर का निर्माण रामजन्मभूमि पर ही होना चाहिए। इसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया होगी बीजेपी उसे अमल में लाएगी। पीएम नरेंद् मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि लोग अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं। लेकिन ये मामला अदालत में विचाराधीन है और जितने भी उपाय किए जाएंगे वो अदालती कार्रवाई के अधीन होगी। मंगलवार को केंद्र सरकार ने जो फैसला किया वो उसी परिप्रेक्ष्य में है।