नई दिल्ली: एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किए जाने से पहले वित्‍त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक से पूछा है कि वह कितना लाभांश ट्रांसफर कर सकता है। संकेत यह हैं कि मंत्रालय यह उम्‍मीद कर रहा है कि केंद्रीय बैंक 20,000 से 25,000 करोड़ रुपये के बीच अंतरिम लाभांश ट्रांसफर करेगा जो वर्तमान वित्‍त वर्ष के लिए इस्‍तेमाल होगा। सूत्रों के अनुसार, यह रकम केंद्र के राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत पर सीमित रखने में अहम साबित हो सकती है। वित्‍त मंत्रालय ने पहले 2016-17 के लिए अतिरिक्‍त लाभांश के तौर पर 13,140 करोड़ रुपये मांगे थे, जो उसे लगता है कि RBI पर बकाया है।

इससे पहले वित्‍त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2015-17 के लिए अतिरिक्त लाभांश के रूप में 13,140 करोड़ रुपये की राशि मांगी थी, जिसे माना जाता है कि रिजर्व बैंक के पास लंबित है। दरअसल, सरकार ने केंद्रीय बैंक से यह सवाल आरबीआई के उस समिति के गठन के एक महीने बाद पूछा है जो बैंक के आर्थिक ढांचे की समीक्षा कर रहा है और केंद्र को लाभांश के रूप में दिए जाने वाले सरप्लस से जुड़े विवादित मुद्दों को सुलझा रहा है।

सरकार और केंद्रीय बैंक, जो RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान सरकार को उच्च अधिशेष स्थानांतरित करने के मुद्दे पर लॉगरहेड्स थे, बजट प्रस्तुति के आगे अंतरिम लाभांश हस्तांतरण पर चर्चा में रहे हैं। पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान सरप्लस ट्रांसफर करने के मुद्दे पर सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी। लेकिन, अब सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच बजट सत्र से पहले अंतरिम लाभांश के ट्रांसफर पर लगातार बातचीत जारी है। सूत्रों का कहना है कि एक साल का लाभांश पिछले साल के मुकाबले काफी ज्यादा रहने वाला है। पिछले वित्त वर्ष का कुल लाभांश 2016-17 में हासिल 30,659 करोड़ से कहीं ज्यादा था।